Delhi High Court
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नई दिल्ली: दिल्ली MCD की मेयर शैली ओबेरॉय के फैसले के खिलाफ बीजेपी के पार्षदों ने हाईकोर्ट का रुख किया। BJP पार्षद  शिखा रॉय और कमलजीत सहरावत ने एमसीडी की स्थायी समिति के चुनाव के दौरान एक वोट को अवैध घोषित करने के मेयर के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।  इस मामले को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है।

27 फरवरी तक स्थगित 

इससे पहले बीते दिन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में शुक्रवार को आप और बीजेपी के पार्षदों में खुनी संघर्ष हुआ था ,जिसके बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू की गई थी। लेकिन उस दौरान भी पार्षदों ने जमकर नारेबाजी की। जिसके चलते सदन को 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। सदन में नारेबाजी के बीच दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा था, “एमसीडी स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव 27 फरवरी को होगा।” सदन सोमवार, 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया।”

सदन में क्यों हुआ हंगामा?

स्टैंडिंग कमिटी के छह सदस्यों के चुनाव के लिए आज नए सिरे से कराए गए मतदान हुआ। मतदान के दौरान 250 पार्षदों में से 242 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय दोपहर करीब 2:30 बजे मतदान करने वालीं अंतिम पार्षद रहीं। मतदान समापन के बाद मेयर ने घोषणा की कि मतगणना पूरी होने तक कोई भी सदस्य कक्ष नहीं छोड़ेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि 242 पार्षदों ने मतदान किया जबकि आठ ने नहीं किया।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव संपन्न होने के दस मिनट बाद मतगणना शुरू हुई। जो दो घंटे से अधिक समय तक चली। चुनाव में दोनों पार्टी के तीन-तीन सदस्य जीते थे। इन चुने हुए सदस्यों की लिस्ट पर मेयर ने दस्तख़त करने से इनकार कर दिया। उन्होंने एक वोट को अमान्य बता कर पुनः मतगणना के आदेश दिए। जिसके बाद मेयर और निगम सचिव के बीच बातचीत हुई। दोनों के बीच हुई तनातनी के बीच भाजपा पार्षदों ने अमान्य वोट को मान्य करने की मांग की। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और भाजपा व आप के पार्षद भिड़ गए।