Jahangirpuri

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    नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने शहर के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हुई हिंसा को लेकर 14 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें झड़पों के पीछे का ‘‘मुख्य साजिशकर्ता” और एक अन्य व्यक्ति शामिल है जिसने कथित रूप से गोली चलायी थी जो एक उप-निरीक्षक को लगी थी। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी।

    पुलिस ने कहा कि उसने जहांगीरपुरी के सीडी पार्क में एक झुग्गी बस्ती निवासी मोहम्मद असलम (21) के पास से एक पिस्तौल भी बरामद की है, जिसका कथित तौर पर उसने शनिवार शाम अपराध के दौरान इस्तेमाल किया था। पुलिस ने कहा कि शनिवार शाम दो समुदायों के बीच हुई झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी हुई थी जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया था। पुलिस ने बताया कि इस दौरान कुछ वाहनों को आग भी लगा दी गई थी। 

    पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा कि शनिवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 120 बी, 147 और अन्य प्रासंगिक धाराओं और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। रंगनानी ने कहा, ‘‘प्राथमिकी के सिलसिले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।” उन्होंने बाद में कहा कि पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। 

    रंगनानी ने कहा, ‘‘आरोपियों में से एक की पहचान मोहम्मद असलम के रूप में हुई है, जिसने एक गोली चलायी थी जो दिल्ली पुलिस के एक उप निरीक्षक को लगी थी। आरोपी द्वारा अपराध में इस्तेमाल की गई पिस्तौल उसके कब्जे से बरामद कर ली गई है।” उन्होंने कहा कि असलम को जहांगीरपुरी पुलिस थाने में 2020 में भारतीय दंड संहिता की धारा 324, 188, 506, 34 के तहत दर्ज मामले में भी शामिल पाया गया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए 14 व्यक्तियों में जहांगीरपुरी का रहने वाला अंसार (35) भी शामिल है, जो हिंसा के पीछे “मुख्य साजिशकर्ताओं” में से एक है।

    अधिकारी ने कहा कि वह पहले हमले के दो मामलों में शामिल पाया गया और उसे निवारक धाराओं के तहत कई बार गिरफ्तार किया गया था और जुआ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत उसके खिलाफ पांच बार मामला दर्ज किया गया था। विशेष आयुक्त (कानून और व्यवस्था-जोन 1) दीपेंद्र पाठक ने कहा, ‘‘अब तक चौदह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है। सीसीटीवी और अन्य वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान की आगे की प्रक्रिया की जा रही है।”

    उन्होंने कहा, ‘‘अभी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हमने यहां अतिरिक्त बल तैनात किया है। हमने शांति समिति की बैठकें की हैं और क्षेत्रों के प्रमुख निवासियों के संपर्क में भी हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शांति बनाए रखेंगे।”

    रंगनानी ने यह भी कहा कि झड़पों के दौरान आठ पुलिस कर्मियों और एक नागरिक सहित कुल नौ लोग घायल हुए और उनका बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अस्पताल में इलाज चल रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोली लगने से घायल उप निरीक्षक अस्पताल में है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है और आगे की जांच की जा रही है।

    रविवार की सुबह तक जहांगीरपुरी इलाके में भारी पुलिस बल तैनात था, जहां झड़प हुई थी। उन्होंने कहा कि स्थिति पर कड़ी नजर रखने के लिए त्वरित कार्य बल (आरएएफ) की एक टीम भी तैनात की गई है, जो अब नियंत्रण में है। पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘हंगामे में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए ड्रोन और चेहरे की पहचान सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। अपराधियों की पहचान करने और उनका पता लगाने के लिए आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों और मोबाइल फुटेज खंगाले जा जा रहे हैं।” 

    अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के सभी शेष 14 पुलिस जिलों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए तकनीकी निगरानी की जा रही है। पूर्वोत्तर दिल्ली में फरवरी 2020 के दंगों के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में यह पहली सांप्रदायिक झड़प है, जिसमें 50 से अधिक लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे।