नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदुषण से राहत नहीं मिलती दिख रही है। राजधानी में प्रदुषण का लेवल खराब श्रेणी में पहुंच गया है। दिल्ली में आज कुछ स्थानों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 499 तक पहुंच गया है। साथ ही कई इलाकों में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। इन सब के बीच सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को प्रदुषण से निपटने के लिए दो दिनों के लॉकडाउन लगाने की सलाह भी दी है।
वहीं एलएनजेपी अस्पताल के एमडी सुरेश कुमार ने कहा कि प्रदूषण का स्तर बड़ी चिंता का विषय है। इससे बुजुर्गों, स्कूल जाने वाले बच्चे, वे मरीज़ जिन्हें सांस की तकलीफ है या वे मरीज़ जिन्हें पहले कोविड हो चुका है, उनकी समस्या बढ़ गई है। हमारे वार्ड में ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार के लिए टल गई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्यों क प्रदुषण कम करने के उपायों पर आपात बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है।
Air pollution in Delhi | Supreme Court tells Centre that air quality in Delhi is in the ‘severe’ category and in another 2 to 3 days it will dip further. Take an emergency decision. We will look at a long term solution later, SC adds. pic.twitter.com/dpdn1P3R7Q
— ANI (@ANI) November 13, 2021
LNJP अस्पताल के एमडी का बयान-
प्रदूषण का स्तर बड़ी चिंता का विषय है। इससे बुजुर्गों, स्कूल जाने वाले बच्चे, वे मरीज़ जिन्हें सांस की तक़लीफ है या वे मरीज़ जिन्हें पहले कोविड हो चुका है, उनकी समस्या बढ़ गई है। हमारे वार्ड में ऐसे मरीज़ आ रहे हैं जिन्हें सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है: डॉ. सुरेश कुमार, MD, LNJP pic.twitter.com/RpI717XZXs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 13, 2021
वहीं सुरेश कुमार ने कहा कि हमारे यहां 10-15 प्रतिशत मरीजों में बढ़ोतरी हुई हैं। सांस की तकलीफ़ के मरीज़ों की संख्या हमारे यहां बढ़ी है। दीपावली के बाद ऐसे बच्चे आ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी फटकारा है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार किसानों को प्रदुषण के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है लेकिन ये सिर्फ किसानों द्वारा किया हुआ नहीं है। कोर्ट ने पूछा कि वाहनों और पटाखों से फैसले प्रदुषण को लेकर क्या किया गया?
दूसरी तरफ दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पराली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आपातकाल निर्णय की ज़रुरत है। मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से निवेदन कर रहा हूं। मुझे लगता है दिल्ली के नागरिक सोशल मीडिया के जरिए केंद्रीय मंत्री से आपातकाल बैठक बुलाकर कोई निर्णय लेने को आग्रह करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी ज़िम्मेदारियों से बचे नहीं और चुप्पी न साधे।