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नवभारत डेस्क: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मतदान का परिणाम 3 दिसंबर को आने वाला है। 17 नवंबर की वोटिंग के बाद से ही सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) और विपक्षी कांग्रेस (Congress) दोनों ही हुंकार भर रहे हैं। दोनों ही दल के नेता की ओर से सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है कि इस बार उनकी सरकार बनने वाली है। खैर परिणाम तो 3 दिसंबर को आएगा और उसके बाद ही सभी क्लियर हो जाएगा कि किस पार्टी पर इस बार जनता जनार्दन ने अपना भरोसा जताया है। वैसे आपको बता दें मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे भी नेता हैं जो हमेशा से अपने वोटर का भरोसा जीतते आये हैं। शायद यही कारण है कि उनकी सीट पर जीत पक्की मानी जाती है। चलिए हम आपको मध्य प्रदेश के उन नेताओं से रूबरू कराते हैं जो कभी चुनाव नहीं हारे हैं।

बीजेपी के इन नेताओं को कभी हरा नहीं पाई कांग्रेस

कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता हैं जो अभी बीजेपी के राष्ट्रिय महासचिव के पद पर काबिज हैं। कैलाश विजयवर्गी के लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंदौर जिले की अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने के बाद भी उन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा। 40 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने 6 बार विधानसभा चुनाव जीत के अपनी पकड़ का लोहा मनवाया। बता दें कि इंदौर-1 विधानसभा क्षेत्र में 3.64 लाख मतदाता हैं। सभी नजर एक बार फिर कैलाश विजयवर्गीय पर टिकी हैं। क्या एक बार फिर से कैलाश विजयवर्गीय अपनी जीत का परचम लहराने में कामयाब हो पाएंगे।

राजेन्द्र शुक्ल 
मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में राजेन्द्र शुक्ल का दबदबा अभी कायम है। राजेन्द्र शुक्ल ने अभी तक एक बार भी विधानसभा चुनाव में हार का मुंह नहीं देखा है। यही कारण रहा है कि रीवा विधानसभा सीट जब इन्होने साल 2003 में चुनाव लड़ा तो फिर पीछे पलटकर नहीं देखा और चार बार से यहां के विधायक हैं। राजेन्द्र शुक्ल 2003, 2008, 2013 और 2018 में अपने जीत का परचम लहराया हैं।  

गोपाल भार्गव
गोपाल भार्गव की गिनती मध्य प्रदेश में बीजेपी के सबसे सीनियर नेताओं में उनकी गिनती होती है। गोपाल भार्गव सागर जिले की रहली विधानसभा (Rehli Assembly constituency) से लगातार आठ बार के विधायक  हैं। गोपाल भार्गव की सीट पर कब्जा करने के लिए कांग्रेस ने कई रणनीति बनाई लेकिन उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली। कांग्रेस को पछाड़ गोपाल भार्गव ने अपना कब्जा कायम रखा है। भार्गव गोपाल शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री भी हैं।  

यशोधरा राजे सिंधिया
यशोधरा राजे सिंधिया मध्य प्रदेश के शिवपुरी विधानसभा सीट से विधायक हैं। यशोधरा राजे सिंधिया अपनी राजनीतिक करियर में अभी तक कभी भी अपना चुनाव नहीं हारी हैं। उनके नाम 5 बार विधायक और दो बार लोकसभा का चुनाव जीतने का रिकॉर्ड हैं। बता दें कि यशोधरा राजे सिंधिया इस बार शिवपुरी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं। इसका कारण उन्होंने अपनी सेहत को बताया है। यशोधरा राजे सिंधिया की जगह इस बार बीजेपी ने देवेंद्र जैन को मैदान में उतारा है।  

रमेश मेंदोला
रमेश मेंदोला  इंदौर विधानसभा क्रमांक 2 से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। विधानसभा क्रमांक दो बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला का गढ़ माना जाता है। इस सीट से रमेश मेंदोला ने तीन बार सियासी पारी खेली और उसमें इन्हें जीत मिली है।  फ़िलहाल इन्हें हराने के लिए इस बार कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है लेकिन परिणाम के बाद ही पता चलेगा कि जनता ने किसपर अपना भरोसा जताया है।