Madhya Pradesh government issued fresh guidelines, all private and government schools closed till 31 January
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    भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)  में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिये स्थिति उस वक्त असहज हो गयी जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के कार्यक्रम के दौरान बिजली गुल हो गयी। इस पर चौहान ने जहां इसके लिये ‘कोयला संकट’ को जिम्मेदार बताया, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने इस मसले पर सरकार पर तंज कसा ।

    यह घटना राज्य की राजधानी में सिविल सेवा दिवस के अवसर पर दोपहर में आयोजित एक समारोह के दौरान हुई। चौहान के भाषण के दौरान जब बिजली चली गयी तो उन्होंने कहा, ‘‘क्या बिजली विभाग के प्रधान सचिव संजय दुबे आसपास हैं ।” मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी के बाद श्रोताओं की हंसी गूंज उठी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने यह जांचने के लिए कि माइक काम कर रहा है या नहीं, हिलाया -डुलाया और फिर कहा, ‘‘कोयला संकट है।”   

     चौहान ने कहा, ‘‘मैंने बुधवार सुबह संजय (दुबे) के साथ बातचीत की थी और उन्होंने मुझसे कोयले के कुछ ‘रेक’ के लिए अनुरोध किया था।” पांच मिनट तक बिजली गुल रहने के दौरान भी मुख्यमंत्री ने अपना भाषण जारी रखा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘‘जब मामाजी (सीएम) प्रशासन अकादमी में सिविल सेवा दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे, तब लंबे समय से बिजली गुल थी।”

    उन्होंने कहा, ‘‘मामाजी ने कोयले की समस्या के बारे में भी बात की। मध्य प्रदेश में बिजली संकट प्रकट हो गया है।” दो दिन पहलेही , ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने कहा कि देश भर के थर्मल प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं, जो देश में बिजली संकट का संकेत दे रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने अगले कुछ महीनों में बिजली की मांग अपने चरम पर होने पर पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए 10 प्रतिशत तक कोयले के आयात की सिफारिश की है। (एजेंसी)