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    अकोला. अमृत ​​योजना के अंतर्गत मनपा की सौर ऊर्जा परियोजना की सामग्री दाखिल हुई है. अगले कुछ दिनों में सोलर पावर प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा, जिससे महान में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एरिया और शिलोडा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में 14 किलोवाट बिजली निर्मित की जाएगी. जिससे मनपा को हर साल लाखों रुपए का लाभ मिलेगा. अमृत ​​योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 113 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है.

    इनमें जलापूर्ति योजनाओं का सशक्तिकरण और सौर ऊर्जा का उत्पादन शामिल है. सौर ऊर्जा परियोजना के लिए 8 करोड़ 15 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है. प्रस्ताव का लक्ष्य 1.4 मेगावाट बिजली पैदा करना है, लेकिन सरकार ने इसे बदल दिया और 6 करोड़ 52 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इससे 14 किलोवाट बिजली पैदा होगी. इस सौर ऊर्जा परियोजना से मनपा के बिजली बिल में भारी कमी आएगी.

    शिलोडा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में भी बिजली उत्पादन

    मनपा ने 1.4 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को मंजूरी दी थी. इसमें से 0.99 मेगावाट (999 केवी) सौर ऊर्जा परियोजना महान में जल शुद्धीकरण केंद्र के आसपास स्थापित की जा रही है. कुल स्वीकृत सौर ऊर्जा परियोजनाओं में से 0.99 मेगावाट से 0.41 मेगावाट बिजली पैदा होगी. इसी को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा विभाग ने शिलोडा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने का फैसला किया है. यह परियोजना 31 मार्च तक होने की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना के कारण काम में देरी हुई. इसी तरह सामग्री भी उपलब्ध नहीं हो पायी थी. लेकिन अब महान में जलकुंभ क्षेत्र में सौर ऊर्जा सामग्री पहुंच गई है.

    15 से 18 लाख यूनिट बिजली मिलेगी

    जल शुद्धीकरण केंद्र के लिए मनपा को प्रतिमाह 2.50 से 3 लाख यूनिट बिजली खर्च करनी पड़ती है. इसके लिए मनपा को 25 लाख रुपये प्रतिमाह बिजली बिल का भुगतान करना होता है. इस सौर ऊर्जा परियोजना के शुरू होने के बाद मनपा को करीब 15 से 18 लाख यूनिट बिजली मिलेगी. इसलिए छह से सात माह तक बिजली देने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही शिलोडा में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से बिजली की लागत में 30 फीसदी की बचत होगी.