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शिवराय कुलकर्णी

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अकोला: स्वतंत्रतावीर सावरकर (Swatantrataveer Savarkar) की राजनीतिक हत्या करना रोके, यह प्रतिपादन शिवराय कुलकर्णी (Shivrai Kulkarni) ने किया है। भारतीय स्वतंत्रता की लड़ाई के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रतावीर विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) के आत्मार्पण दिन निमित्त ब्राह्मण सभा अकोला की ओर से स्थानीय बाल शिवाजी शाला के प्रांगण में रविवार 25 फरवरी को शाम 6 बजे भा.ज.पा. महाराष्ट्र प्रदेश प्रवक्ता व अमरावती के व्याख्याता शिवराज्य कुलकर्णी का जाहिर व्याख्यान आयोजित किया गया था।  इस अवसर पर वह प्रमुख वक्ता के रुप में बोल रहे थे। 

स्वतंत्रतावीर विनायक दामोदर सावरकर आत्मार्पण दिन निमित्त ब्राह्मण सभा अकोला की ओर से आयोजित व्याख्यान का विषय स्वतंत्रतावीर सावरकर और नैरेटिव वॉर! यह था।  कार्यक्रम की शुरुआत भारतमाता व स्वतंत्रतावीर सावरकर की प्रतिमा पूजन से की गई।  कार्यक्रम का प्रास्ताविक शाला की शिक्षिका सीमा देशपांडे ने किया।  इस अवसर पर बाल शिवाजी शाला के विद्यार्थियों के टीम ने जयस्तुते श्रीमहन्मंगले यह गीत उत्कृष्ट रुप से प्रस्तुत किया।  शिवराय कुलकर्णी का परिचय राजेंद्र मेंडकी ने किया। 

इस अवसर पर अपने व्याख्यान में कुलकर्णी ने स्वतंत्रतावीर सावरकर के स्वभाव की विविध पहलू प्रभावी रुप से स्पष्ट किए।  काले पानी की सजा भुगतने समय कमला इस काव्य की निर्मिती कैसी हुई,  जेल में सावरकर ने भोगी हुई काफी कठिन अवस्थाएं बताई।  समाजसुधारक के रुप में स्वतंत्रतावीर सावरकर ने किए कार्य, पुर्वास्पृश्यों को कीर्तन, भजन सिखाकर जनजागृति करनेवाले, भेदभाव नष्ट करने के लिए प्रयत्नशील रहनेवाले सावरकर, अंग्रेज अधिकारियों को कानून की चौकट की जानकारी करवाकर देनेवाले, परखड रुप से अन्याय का न्याय मांगनेवाले सावरकर ऐसे उनके इस विविध स्वभावविशेष कुलकर्णी ने श्रोताओं के सामने रखी है। 

उन्होंने कहा कि सावरकर की राजनीतिक हत्या करना रोके तथा सावरकर को माफीवीर कहनेवालों को कड़ा जवाब दें, यह आहवान कुलकर्णी ने किया है। कार्यक्रम में संस्था के कार्यकारिणी सदस्य, शाला की मुख्याध्यापिका, शहर के प्रतिष्ठित नागरिक, पालकवर्ग, शिक्षिका, कर्मचारी वर्ग, विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।  कार्यक्रम का संचालन संस्था की सहसचिव वैशाली देशपांडे ने किया।  कार्यक्रम का समापन महेश जोशी के वंदे मातरम से किया गया।