Road Accident
प्रतीकात्मक तस्वीर

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अमरावती. शहर के साथ-साथ जिले में भी दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है. नागरिकों की यातायात नियमों की ओर लापरवाही बरतने के चलते व यातायात विभाग के उपायों में कमी से जनवरी से अक्टूबर 2023 तक इस 10 माह में जिले में 610 दुर्घटना हुई है, जिनमें 235 लोगों की मृत्यु हुई है. जबकि ग्रामीण इलाकों में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है, हादसों को रोकने के लिए कब कदम उठाए जाएंगे, ऐसा सवाल नागरिक कर रहे हैं.

जिले में पिछले ढाई साल में विभिन्न हादसों में करीब 1,079 लोगों की जान जा चुकी है. जिले में कुल 139 दुर्घटना संभावित ब्लॅक स्पॉट दर्ज किए गए. ऐसे स्थानों पर उपाय करने की जरूरत है. जिले में वाहनों की संख्या बढ़ रही है. लेकिन, सड़क सुरक्षा उपायों पर ध्यान न देने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. पिछले दस माह में जिले में 610 सड़क हादसों में 235 लोगों की जान जा चुकी है.

2021 में अमरावती जिले में 933 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से 37 लोगों की जान चली गई. 2022 में 1,109 हादसों में 455 लोगों की जान चली गई, जबकि 2023 में अब तक 610 हादसे सामने आए हैं. बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिले के 139 दुर्घटना संभावित स्थानों पर तत्काल उपाय लागू करने के लिए क्षेत्रीय परिवहन विभाग ने कुछ महीने पहले सार्वजनिक निर्माण विभाग को लगभग 150 पृष्ठों की एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है. लेकिन, उपायों को धीमी गति से लागू किया जा रहा है. 

सड़क सुरक्षा अभियान बेअसर

सरकार के निर्देशानुसार जिले में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए यातायात पुलिस, परिवहन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के समन्वय से प्रतिवर्ष सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाता है. इस अभियान के दौरान समय-समय पर वाहन चालकों सहित आम नागरिकों का भी मार्गदर्शन किया जाता है. इसके बावजूद हादसों की संख्या कम नहीं हुई बल्कि दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है. जिससे सड़क सुरक्षा अभियान बेअसर दिखाई दे रहा है. 

दुर्घटनाओं के कारण

गति पर नियंत्रण न रखना, ओवरटेक करना, सीट बेल्ट न लगाना, हेलमेट न लगाना, विपरित दिशा में गाड़ी चलाना, छोटे-बड़े वाहनों के टायरों में हवा की मात्रा और तेज हेडलाइट सहित अति आत्मविश्वास जैसे कारणों से दुर्घटनाएं हुई हैं. हाईवे पर जगह-जगह बाइक सवार डिवाइडर तोड़कर सड़क पार कर जाते हैं. हाईवे पर जगह-जगह हाईवे पुलिस, स्थानीय पुलिस रहने के बावजूद वाहन दुर्घटनाएं कम नहीं हुई हैं. सड़कों पर कोई जागरूकता बोर्ड नहीं है. हाईवे पर वाहन रुकने के दो दिन बाद तक स्थिति ऐसी ही रहती है. सड़कों के किनारे लगी लोहे की रेलिंग टूटने से कई जानवर हाईवे पर आ जाते हैं. ऐसी बहुत सी समस्याएं हैं जिनका समाधान नहीं हो पाया है. राजमार्गों पर गड्ढे, टूटे हुए डिवाइडर, अनुपयोगी सर्विस रोड, राजमार्गों पर खड़े बड़े वाहन दुर्घटनाओं में योगदान दे रहे हैं.

नियमों के प्रति लोग लापरवाह

तेज गति से वाहन चलाना, सड़कों की खराब हालत, यातायात नियमों का कोई संकेत नहीं, कोई इम्मोबिलाइजर नहीं, दो पहिया, चार पहिया वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, यातायात नियमों का पालन नहीं करना, सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करना, तेज गति से वाहन चलाना, वाहन को ओवरटेक करना आदि नागरिकों की गलती के कारण वाहन दुर्घटनाएं हो रही है. जिसके चलते यातायात नियमों के प्रति लोग लापरवाही करते दिखाई दे रहे हैं.