G. Srikanth

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छत्रपति संभाजीनगर: महानगरपालिका के स्कूल गुरुवार से खुल चुके हैं। छत्रपति संभाजीनगर महानगरपालिका प्रशासन (Chhatrapati Sambhajinagar Municipal Administration) ने नया शैक्षणिक वर्ष अलग-अलग तरह से मनाने की योजना बनाई हैं। हर स्कूल (Schools) में बेहतर शिक्षा के अलावा वहां का माहौल खुशनुमा बनाने का जिम्मा महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक जी. श्रीकांत (Commissioner G. Srikanth) ने उठाया है। हर स्कूल में खुशनुमा माहौल बनाए रखने के लिए हर स्कूल की जरुरतों को जानकर उन्हें पूरा करने के लिए महानगरपालिका के हर विभाग के अधिकारियों पर स्कूल को दत्तक लेने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। 

महानगरपालिका के अधिकारी दानवीर लोगों, कंपनियों के सीएसआर फंड से महानगरपालिका स्कूलों की जरुरतों को पूरा कर हर स्कूल का माहौल खुशनुमा बनाएंगे। यह विश्वास कमिश्नर जी. श्रीकांत ने पत्रकारों से बातचीत में जताया। 

स्कूलों के लिए विशेष योजना

महानगरपालिका कमिश्नर ने कहा कि शिक्षा के अलावा स्कूलों में कला, खेल, डांस और म्यूजिक पर भी जोर दिया जाएगा क्योंकि छात्र सिर्फ शिक्षा हासिल करने स्कूल नहीं आते हैं। उन्हें खेल, डांस, म्यूजिक का भी शौक होता है। उन्होंने माना कि शहर के महानगरपालिका के स्कूलों का माहौल खुशनुमा नहीं है। इसीलिए महानगरपालिका प्रशासन स्कूलों में अलग-अलग उपक्रम कर वहां का माहौल खुशनुमा बनाने को लेकर विशेष योजना बना रहे हैं। 

महानगरपालिका अधिकारी करेंगे स्कूल का दौरा

महानगरपालिका स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र चैलेजिंग और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के होते हैं। विशेषकर, लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता हैं। उन परिवारों की लड़कियां महानगरपालिका स्कूलों में पढ़ने आती हैं। उन छात्रों को बेहतर शिक्षा के अलावा कला, खेल, डांस और  म्यूजिक में रुचि होती है, परंतु महानगरपालिका स्कूलों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं होने से वहां का माहौल खुशनुमा नहीं बन पाता है। ऐसे में महानगरपालिका स्कूल को दत्तक लेकर अधिकारी हर महीने तय दिन पर उक्त स्कूल का दौरा कर वहां की शिक्षा की क्वालिटी के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।

सीएसआर फंड का करेंगे उपयोग

इसके लिए महानगरपालिका अधिकारी अलग-अलग कंपनियों के सीएसआर फंड और लोगों की मदद लेंगे। हर स्कूल में किस वस्तु की जरुरत है, उसकी सूची जारी की जाएगी। ताकि लोग आगे आकर महानगरपालिका स्कूलों की जरुरतें पूरी कर सकें। 

छात्र की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेंगे शिक्षक 

अब तक महानगरपालिका स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र कई दिनों तक अनुपस्थित रहते हैं, उस पर ध्यान नहीं दिया जाता था। परंतु प्रशासन ने अब जो छात्र लगातार तीन दिन तक स्कूल में नहीं आने पर उसके अनुपस्थिति के बारे में जानकारी लेंगे। वहीं, एक सप्ताह तक नहीं आने पर उस छात्र के घर शिक्षक जाएंगे और उनके अनुपस्थित रहने के बारे में जानकारी लेंगे।