Union Minister Dr. Bhagwat Karad

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    औरंगाबाद: औरंगाबाद (Aurangabad) में आगामी 30 सालों की यातायात व्यवस्था के लिए कंप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान (Comprehensive Mobility Plan) स्मार्ट सिटी कार्यालय में केन्द्रीय मंत्री डॉ. भागवत कराड (Union Minister Dr. Bhagwat Karad) के अध्यक्षता में संपन्न हुई एक बैठक में पेश किया गया। बैठक में प्रमुख रुप से एमआईडीसी वालूज से शेन्द्रा एमआईडीसी तक एक फ्लाईओवर ब्रिज (Flyover Bridge) और इसी रुट पर मेट्रो चलाने का एक प्रारुप भी पेश किया गया। बैठक में शहर के जालना रोड पर निर्माण होनेवाले एक मात्र फ्लाईओवर ब्रिज और इसी मार्ग पर चलने वाली मेट्रो को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।

    बैठक में डॉ. कराड के अलावा सांसद इम्तियाज जलील, विधायक हरिभाऊ बागडे, प्रदीप जैसवाल, पूर्व मेयर बापू घडामोडे, पूर्व डिप्टी मेयर राजू शिंदे, शिवाजी दांडगे, जिलाधिकारी अस्तिक कुमार पांडेय, औरंगाबाद महानगरपालिका के कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी, सिडको प्रशासक दीपा मुधोल मुंडे, जिला परिषद के सीईओ विकास मीना, छावनी परिषद के सीईओ, महानगरपालिका के शहर अभियंता एस.डी. पानझडे, स्मार्ट सिटी के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ जोशी, महावितरण के अतिरिक्त एमडी मंगेश गोंदावले, सिंचाई, पुलिस  विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। 

     जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने सुझाव दिए

    बैठक में वालूज से शेन्द्रा तक निर्माण किए जाने वाले एक ही ब्रिज की शुरुआत, विविध 5 स्थानों पर लोगों को चढ़ने और उतरने के लिए तय किए गए स्थानों  पर चर्चा की गई। इसको लेकर बैठक में उपस्थित जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने सुझाव दिए। उन सुझावों को डीपीआर तैयार करते समय उन्हें शामिल करने के निर्देश केन्द्रीय मंत्री डॉ. कराड ने दिए। 

     सार्वजनिक यातायात व्यवस्था को मजबूत करने की जरुरत 

    गौरतलब है कि जनवरी माह में केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड के मार्गदर्शन में औरंगाबाद स्मार्ट सिटी ने शहर का प्रथम सर्व समावेशक गतिशीलता प्रारुप तैयार करने के अलावा एमआईडीसी वालूज से शेन्द्रा एमआईडीसी तक मेट्रो का प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए महा मेट्रो नामक सरकारी एजेंसी की नियुक्ति की थी। औरंगाबाद शहर में आगामी 30 सालों में बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखकर सुरक्षित, आसान, गुणवत्तापूर्ण और विश्वासहर्ता वाली  शहरी यातायात व्यवस्था किस तरह विकसित की जा सकेंगी, इसके लिए केन्द्रीय नगर विकास मंत्रालय के मार्गदर्शक तत्वों के अनुसार शहर के लिए  कंप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार किया गया है। प्लान तैयार होने के बाद इसमें प्रमुख रुप से यह बात सामने आए कि शहर के सार्वजनिक यातायात व्यवस्था को मजबूत करने की जरुरत हैं। 

    पैदल चलने के लिए जरुरी व्यवस्था की कमी

    कंप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान में  राहगिरों को पैदल चलने के लिए जरुरी व्यवस्था की कमी की बात प्रमुख रुप से सामने आई है। फुटपाथ और साइकिल चलाने के लिए बेहतर सुविधाओं की जरुरत है। शहर की पार्किंग व्यवस्था और यातायात सुरक्षा में कई बदलाव की जरुरत की  बात भी सामने आई है। कंप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान में सुझाए गए मुद्दों में रोड नेटवर्क में बदलाव करना, पैदल चलने के लिए जगह और साइकिल चलाने की व्यवस्था में सुधार करना, ट्रैफिक जंक्शन सुरक्षित करना, सार्वजनिक यातायात व्यवस्था के लिए उपाय  योजना करना, माल ढुलाई प्रेषक यातायात को मजबूती प्रदान करने के साथ ही पार्किंग व्यवस्था पर कार्य करना यह शामिल हैं। 

    खर्च होंगे  इतने करोड़ रुपए 

    इन सभी प्रकल्पों के लिए महा मेट्रो ने सन 2052 तक कई चरणों में 6 हजार 278 करोड़ रु़पए का अंदाजन खर्च बताया है। शहर की यातायात को ध्यान में रखकर महा मेट्रो ने शहर के मुख्य मार्गों पर निओ मेट्रो प्रकल्प का सुझाव दिया है। वर्तमान में प्राथमिक स्तर पर मेट्रो सुविधा एमआईडीसी शेन्द्रा से शहर के रेलवे स्थानक तक रखी गई है, परंतु डॉ. भागवत कराड ने मेट्रो लाइन का प्लान शेन्द्रा से एमआईडीसी वालूज तक तैयार करने की सूचना दी है। महानगरपालिका कमिश्नर ने  बैठक में दिए सुचना के अनुसार मेट्रो के प्लान में बदलाव कर फिर से इसका  प्रेजेंटेशन पेश किया जाए। बैठक के आरंभ में यूएमटीसी के एस.रामकृष्णन ने कंप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान पेश किया। महा मेट्रो के विकास नगुलकर और साकेत केलकर ने महा मेट्रो और मेट्रो निओ के बारे में प्रेजेंटेशन दिया।