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    औरंगाबाद: जिले के कन्नड तहसील के हिवरखेड़ा (Hivarkheda) शिवार में नए डीपी (New DP) के लिए बिजली के तार जोड़ते समय बिजली का करंट ( Electric Shock) लगने से चार मजदूरों की मौत (Death) होने की घटना सामने आयी है। मारे गए चारों मजदूर कन्नड तहसील के नावडी ग्राम के निवासी है। चार मजदूरों की मौत से उनके परिवार पर गमों का पहाड टूट पड़ा है। यह चारों कर्मचारी ठेकेदार द्वारा नियुक्त थे। 

    मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की दोपहर कन्नड तहसील के हिवरखेडा शिवार में नई डीपी के लिए बिजली के तार बिछाने का काम खेतों के दरमियान से जारी था। तार बिछाने का काम ठेकेदार द्वारा नियुक्त कन्नड तहसील के नावडी ग्राम निवासी  आदिनाथ बालकृष्ण मगर, भारत बाबासाहाब वरकड, गणेश नारायण थेटे, जगदीश छगनराव मुरकुंड, पप्पू शब्बीर पठान कर रहे थे। 

    एक गंभीर रुप से घायल

    नई डीपी में बिजली आपूर्ति करने के लिए तारों को  बिछाने का काम करते समय उसमें अचानक करंट आने से चारों मजदूरों की मौत हुई। वहीं, पप्पू शब्बीर पठान गंभीर रुप से घायल हो गया है। घटना की जानकारी नावडी ग्राम में पहुंचते ही वहां गम का पहाड़ टूट पडा। इधर, घटना की जानकारी पुलिस को मिलते ही डीवाईएसपी मुकुंद आघाव, एपीआई टीआर भालेराव के अलावा महावितरण के उपकार्यकारी अभियंता नितिन गायकवाड ने घटनास्थल का दौरा कर जानकारी ली। उधर, घटना की जानकारी नावडी ग्राम वासियों को पता चलने पर उन्होंने घटनास्थल का रुख किया। देर शाम तक घटनास्थल पर नावडी ग्राम के  कई लोग जमा थे। 

    तत्काल आर्थिक मदद मिले

    घटना पर तत्काल महाराष्ट्र राज्य तकनीकी कामगार संगठन ने गहरा दु:ख जताते हुए हादसे में मारे गए चारों मजदूरों के परिवार को तत्काल आर्थिक मदद देने की मांग की। संगठन ने आरोप लगाया कि कन्नड तहसील में शुक्रवार सुबह से बारिश जारी थी। महावितरण द्वारा ठेकेदार पर नई डीपी के लिए तत्काल बिजली के तार बिछाने के लिए डाले गए दबाव के बाद ठेकेदार ने मजदूरों को भारी बारिश में काम करने के लिए दबाव बनाया। उसका खामियाजा यह हुआ कि उन चार मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ी। संगठन के महासचिव सैयद जहिरोद्दीन ने बताया कि जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, वहां एक किसान ने जमीन से वायर डालकर मुख्य बिजली लाइन पर आंकडा डाला था। उस वायर का इन्सुलेशन खराब होने और लगातार रिमझिम बारिश से उक्त खेत से गुजर रहे वायर में करंट आया। जिसके चलते उन मजदूरों को बिना गलती के अपनी जान गंवानी पड़ी।