Maharaj's work will not be complete without placing Shivaji Maharaj's heir on the throne of Delhi: Pradeep Salunkhe

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    औरंगाबाद : किसी ने भी महाराष्ट्र (Maharashtra) से उत्पीड़न करते समय छत्रपति शिवाजी महाराज  (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के इतिहास (History) को जांचे। दिल्ली (Delhi) के तख्त (Throne) पर शिवाजी के वारिस  बिठाए बिना शिवाजी महाराज का कार्य पूरा नहीं होगा। यह प्रतिपादन  प्रसिध्द व्याख्याता प्रदीप  सांलुके (Pradeep Sanluke) ने किया। शहर के क्रांति चौक में छत्रपति शिवाजी महाराज के घुडसवार प्रतिमा का अनावरण और  शिवजयंती के उपलक्ष्य में शिवसेना द्वारा आयोजित शिवजागर 2022 के उपलक्ष्य में प्रतिमा अनावरण की पूर्व संध्या पर छत्रपति के विचारों की तड़पती तलवार इस विषय पर प्रदीप सांलुके बोल रहे थे।

    इस अवसर पर शिवसेना जिला प्रमुख और विधायक अंबादास दानवे, विधायक प्रदीप जैसवाल, विधायक संजय सिरसाठ, विधायक उदयसिंह राजपूत, पूर्व मेयर नंदकुमार घोडेले, शिवजयंती उत्सव समिति के अध्यक्ष नितिन घोगरे काका, पूर्व डिप्टी मेयर राजेन्द्र जंजाल, उपजिला प्रमुख अनिल पोलकर, बप्पा दलवी, विनायक पांडे, शिवसेना शहराध्यक्ष बालासाहाब थोरात, विजय वाघचौरे, विश्वनाथ स्वामी, बाबासाहाब डांगे, वरिष्ठ शिवसैनिक गिरजाराम हलनार, नगरसेविका अंकिता विधाते प्रतिभा जगताप, जयश्री लुंगारे, दुर्गा भाटी, आशा दातार, नलिनी महाजन प्रमुख रुप से  उपस्थित थे। व्याख्यान में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रदीप सांलुके ने कहा कि औरंगजेब और सभी मुगल राजा खुद के साम्राज्य विस्तार के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। वहीं, शिवाजी महाराज राज्य की जनता के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। इसलिए विश्व भर शिवाजी महाराज की जयंती काफी उत्साह से  मनायी जाती है। प्रदीप सांलुके ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज लोक कल्याणकारी राजा थे। इसलिए विश्व के राज्यकर्ता एवं जनता शिवाजी महाराज को आदर्श राजा मानती थी।  शिवाजी ने जनहित  के लिए हुए निर्णय को देखते हुए शिवाजी महाराज का राज्य उपर से राजेशाही और भीतर से लोकतंत्र वाला जनता का राज्य था। देर रात कई किले जितने वाले शिवाजी महाराज के प्रतिमा का अनावरण देर रात होना यह बिल्कुल सही है। 

    दुश्मनों के महिलाओं का आदर था 

    अपने व्याख्यान में प्रदीप सांलुके ने शिवाजी महाराज के लोक कल्याणकारी विचारों की जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के इस राजा ने अपने मावलों के कुशल  नियोजन के जोर पर कभी भी अपना राज्य अपने हाथ से नहीं जाने दिया। शिवाजी महाराज के राज्य में महिलाओं का आदार होता था। दुश्मनों की महिलाएं भी शिवाजी महाराज के राज्य में सुरक्षित थी। आज के राज्यकर्ताओं ने यह बात ध्यान में रखनी चाहिए। 

    शिवराज के कार्य और विचार समझने की सख्त जरुरत 

    इससे पूर्व अपने विचार में शिवजागर 2022 के संयोजक और विधायक अंबादास दानवे ने अपने विचार में कहा कि आज की  युवा पीढ़ी को छत्रपति शिवाजी महाराज के कार्य, उनके विचार समझकर लेने की सख्त जरुरत है। यह विचार हर युवा तक पहुंचाने की जरुरत है। इसीलिए 15 से 18 फरवरी के दरमियान शाहिरी पोवाडा, मशाल रैली, व्याख्यान, शिवराज्यभिषेक समारोह, लोक कला कार्यक्रम का आयोजन किए जाने की जानकारी विधायक अंबादास दानवे ने दी।