धर्माधिकारी प्रतिष्ठान का आदर्श लेकर महाराष्ट्र सरकार काम करेगी: सीएम एकनाथ शिंदे

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    औरंगाबाद : काफी नियोजन बद्ध तरीके से धर्माधिकारी प्रतिष्ठान (Dharmadhikari Foundation) पिछले 80 सालों से समाज की सेवा कर रहा है। इस प्रतिष्ठान द्वारा किए जाने वाले सामाजिक कार्य प्रशंसा के लायक है। औरंगाबाद में 70 हजार से अधिक सदस्यों ने सफाई कर जमा किया 740 टन कचरा उसी का एक उदाहरण है। धर्माधिकारी प्रतिष्ठान का यहीं आदर्श लेकर महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) काम करेगी। यह प्रतिपादन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने यहां किया। 

    महाराष्ट्र भूषण डॉ. नानासाहाब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान की ओर से उनके जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में औरंगाबाद शहर, छावनी और वालूज क्षेत्र में सफाई मुहिम अभियान चलाया गया। अभियान के तहत शहर के 78 इलाकों में सफाई कर 740 टन कचरा जमा किया गया। इस मुहिम का समापन छावनी क्षेत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रमुख उपस्थिति में संपन्न हुआ। उसके बाद अपने विचार में उन्होंने यह बात कहीं। मंच पर केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड, जिले के पालकमंत्री संदिपान भुमरे, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, विधायक संजय सिरसाठ, प्रदीप जैसवाल, प्रतिष्ठान के संचालक सचिन धर्माधिकारी और राहुल धर्माधिकारी उपस्थित थे। अपने विचार में सीएम शिंदे ने कहा कि प्रतिष्ठान का काम काफी नियोजन बद्ध तरीके से किया जाता। उनके सदस्यों को ना वाहन की जरुरत होती है और ना ही पानी और कुर्सियों की जरुरत होती है। अपने आप आकर आज उन्होंने शहर में सफाई अभियान चलाया। इस कार्य की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। 

    समय की जरुरत सफाई अभियान 

    हर नागरिक का स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिए सफाई की सख्त जरुरत है। बीमारियों को फैलने से बचाने के लिए नागरिक क्षेत्र का आस-पास का परिसर साफ सूत्रा रहना चाहिए। तब जाकर ही बीमारियां फैलने से रुकती है। धर्माधिकारी प्रतिष्ठान द्वारा समाजसेवा को लेकर शुरु किया गया यह आंदोलन सदस्यों तक ही सीमित ना रहें। बल्कि, अन्य को भी अपने गांव, शहर के लिए हम कुछ बेहतर करें, यह प्रेरणा मिलती है। यहीं कारण है कि आज औरंगाबाद शहर की सफाई के लिए हजारों लोग अन्य जिलों से भी औरंगाबाद पहुंचे है। इसका परिणाम शहर के हजारों लोगों पर होकर रहेगा। इससे समाज में काम करने वालों की संख्या बढ़ेगी। यह अपने समाज, शहर और राज्य के लिए उपयुक्त साबित होगा। सीएम शिंदे ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया कि ठाणे महानगरपालिका और शहर की ओर से कुछ वर्षों पूर्व इसी तरह का सफाई अभियान प्रतिष्ठान के माध्यम से चलाया गया था। उस मुहिम में 10 लाख से अधिक प्रतिष्ठान के सदस्येां ने उपस्थिति दर्ज करायी थी। उससे आप यह अंदाला लगा सकते हैंं कि धर्माधिकारी प्रतिष्ठान का कार्य कितना विशाल है। यह आंकड़ा देखकर ठाणे के तत्कालीन कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर भी आश्चर्य चकित हुए थे। 

    धर्माधिकारी प्रतिष्ठान द्वारा सालों से जारी हैं निरंतर कार्य 

    सीएम शिंदे ने कहा कि मैं भी इस प्रतिष्ठान का सदस्य हूं। जीवन गुजारते समय दु:ख का पहाड़ टूटने पर सब कुछ समाप्त होने का एहसास जीवन में होता है। परंतु धर्माधिकारी प्रतिष्ठान के संस्थापक नानासाहाब धर्माधिकारी ने सन 1943 से बैठकों का सिलसिला शुरु कर समाज की सेवा शुरु की। उनके पुत्र अप्पासाहाब धर्माधिकारी द्वारा जब भी बैठक आयोजित की जाती थी, तब मैं उन बैठकों में उपस्थित रहता था। बैठकों में उपस्थित रहने पर तनाव से मुक्ति मिलकर नई उर्जा मिलती थी। सीएम शिंदे ने प्रतिष्ठान द्वारा किए जाने वाले कई समाज कार्यों को गिनाते हुए भूरी भूरी प्रशसां की। उन्होंने कहा कि जहां सरकार नहीं पहुंचती हैं, वहां प्रतिष्ठान के लोग पहुंचकर समाज सेवा करते है। 

    महाराष्ट्र में आम आदमी की सरकार 

    सीएम शिंदे ने महाराष्ट्र में स्थापित शिंदे-फडणवीस सरकार के कार्यों की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सरकार आम आदमी की सरकार है। सबको साथ लेकर हम काम कर रहे है। जनता को भी यह एहसास हो रहा है कि यह अपनी सरकार है। क्योंकि यह सरकार लोगों की है। लोगों के लिए यह सरकार स्थापित हुई है। यह सरकार लोगों के लिए काम करेगी, यह मैं आज कह रहा हूं। आज हम जहां भी जा रहे हैं, वहां के लोगों के चेहरों पर खुशी है। यह खुशी ही सब कुछ कह जाती है।