श्रेय लेने नामांतरण का स्थगित किया हुए प्रस्ताव को दुबारा पारित किया: अंबादास दानवे

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    औरंगाबाद : राज्य की तत्कालीन ठाकरे सरकार द्वारा एक पखवाड़ा पूर्व औरंगाबाद (Aurangabad) का नामांतरण संभाजीनगर (Sambhajinagar) करने के प्रस्ताव को शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) ने दो दिन पूर्व स्थगिती (Pre-Postponement) दी थी। नामांतरण के मुद्दे पर श्रेय लेने के लिए दो दिन के बाद दोनों कैबिनेट बैठक में स्थगित किया हुआ मुद्दे लेकर दुबारा उसे पारित किया। यह आलोचना शिवसेना (Shiv Sena) जिला प्रमुख और विधायक अंबादास दानवे (MLA Ambadas Danve) ने यहां की। 

    बता दे कि तत्कालीन ठाकरे सरकार ने सत्ता छोड़ने से पूर्व 29 जून 2022 को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में औरंगाबाद का नामांतरण संभाजीनगर करने का प्रस्ताव पारित किया था। उस प्रस्ताव को राज्य की नई शिंदे सरकार ने स्थगिती दी थी। इसके खिलाफ गत दो दिन से शिवसेना ने हंगामा मचाने पर आनन-फानन में सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस इन दोनों ने ही मंत्रिमंडल की बैठक लेकर नामांतरण के मुद्दे पर अपने को श्रेय लेने के लिए दुबारा छत्रपति संभाजीनगर नामांतरण का प्रस्ताव पारित किया। दानवे ने बताया कि तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में स्थापित महा विकास अघाड़ी सरकार ने सर्वसम्मति से औरंगाबाद के नामांतरण का प्रस्ताव पारित किया था। विशेषकर, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया। 

    गद्दारों के साथ हिंदुत्व का दिखावा प्रेम दिखा रहे शिंदे-फडणवीस 

    विधायक अंबादास दानवे ने दो सदस्य वाली सरकार पर निशाना साधते हुए बताया कि 2014 से 2019 तक देवेंद्र फडणवीस राज्य के सीएम थे। तब उन्हें औरंगाबाद का नामांतरण करने का प्रस्ताव याद नहीं किया। परंतु, जैसे ही गद्दारों के साथ सत्ता हासिल की तो उन्हें हिंदुत्व का दिखावा प्रेम याद आया। इसी दिखावा प्रेम में सिर्फ दो सदस्यीय वाली शिंदे-फडणवीस सरकार ने तत्कालीन ठाकरे सरकार का नामांतरण का मुद्दा रद्द कर दुबारा यह प्रस्ताव लाकर उसे पारित किया। दानवे ने बताया कि इससे पूर्व चिकल थाना हवाई अड्डे को धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज का नाम देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के दोनो सभागृह में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था। यह प्रस्ताव पारित होकर कई महीने गुजर गए, लेकिन आज तक उस पर किसी प्रकार की हलचल केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा नहीं की गई। 

    विधायक सिरसाठ के पैरों तले जमीन खिसक रही है 

    औरंगाबाद पश्चिम के विधायक संजय सिरसाठ ने बगावत कर एकनाथ शिंदे गुट का दामन थामने पर पूछे गए सवाल पर दानवे ने कहा कि गद्दार विधायक की पैरों तले जमीन खिसक रही है। क्योंकि, शुक्रवार को सिरसाठ के साथ जो लोग मुंबई गए, उनमें शिवसैनिक थे ही नहीं। उन्होंने कहा कि मंत्री पद पाने के लिए कुछ लोग चाटुकारिता कर रहे है। इस गद्दार विधायक ने गत महीने शहर में संपन्न हुई उद्धव ठाकरे की सभा में एक भी वाहन नहीं लाया था। परंतु, मंत्री पद पाने के लिए सैकडों वाहन मुंबई लेकर गए। प्रेस वार्ता में उपजिला प्रमुख अनिल पोलकर, संतोष जेजुरकर, विधानसभा संगठक गोपाल कुलकर्णी, सुशील खेडकर, शहर प्रमुख बालासाहाब थोरात, विश्वनाथ स्वामी, संजय हरणे, राजू इंगले उपस्थित थे।