सिहोरा. सिहोरा से 7 से 9 किलोमीटर की दूरी पर बसा गांव चांदपुर आज अनेकों समस्याओं का सामना करते दिखाई दे रहा है.चांदपुर में भव्य जलाशय है.वहां से हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में फैले खेतों को सिंचाई के लिए जलापूर्ति की जाती है. इस जलाशय में बावनथडी नदी से पंप के माध्यम से पानी छोड़ा जाता है.इसलिए जलाशय को पूरा भरकर रखना अनिवार्य है.
यहां एक पहाडी है, जिस पर जागृत हनुमानजी विराजते है.इस पहाड़ी के नीचे पानी की टंकी है.इस पानी की टंकी को दायी और बायी ओर से कैनल जोड़ा गया है.इस संग्रहित पानी की टंकी को दिनबदीन किसानों के लिए मुसीबत बनते जा रही है.इस छोटे जलाशय की पार दोनों बाजू से जर्जर होने के कारण इस छोटे तालाब का पानी किसानों की खेती में बहता रहता है.इसके कारण किसानों की धान की फसल हर साल खतरें में पड जाती है.
धान कटाई के समय भी टंकी में पानी भरा रहता है.इसके कारण धान की फसल काटना बड़ी समस्या बनती जा रही है. जिसके कारण पहाडी के नीचे की ओर धान की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है.बताया जाता है कि इस जलाशय के नीचले भाग में हमेशा ही पानी बहते रहता है. इन दिनों धान काटने पर आ गया है,पर खेत से पानी भरा होने के कारण किसान की फसल खतरें में पड चुकी हैं. सिहोरा के अभियंता से बात करने पर देखेंगे कहकर किसानों को टरका दिया है. सोचने की बात यह है कि फसल ही नहीं आएगी तो किसानों का परिवार खायेगा क्या? उसने बिजाई से लेकर के धान काटते तक का जो खर्चा किया वह कहां से निकलेगा?
किसानों ने की नुकसान भरपाई की मांग
चांदपुर के जलाशय में हमेशा पानी भरा रहने के करना किसानों को खेती करना एक बडी समस्या बन चुकी है.यहा धान या दूसरी कोई भी फसलें लेने में परेशानी आ रही है.इस जलाशय की सुरक्षा दीवारें पूरी तरह जर्जर हो चुकी है.किसानों की खेती से पानी बहते रहता है. जिसके कारण किसानों पर भुकमरी की नौबत आ चुकी है.टंकी की सुरक्षा दीवारें काफी पुरानी होने के कारण पूरी जर्जर हो चुंकी है. जिसके कारण किसानों का करोडो का नुकसान हो रहा है.यह नुकसान किसानों को जल्द देने की मांग जिला परिषद सदस्य तथा शिक्षा सभापति रमेश पारधी, पं. स. सदस्य कांचन कटरे,चंद्रशेखर भोयर, घनश्याम झोड़े, अशोक लांजे, केशोराव भगत, मन्दुरकर तथा सरपंच वसंत कुमार धार्मिक ने की है.