
लाखांदूर. पिछले वर्ष जनवरी में सीटी -1 नामक बाघ ने आतंक मचाकर तहसील के विभिन्न जंगल परिसर में कुल 4 व्यक्तियों के शिकार किए थे. इस आतंक से छुटकारा पाए पिछले कुछ महीने नहीं बीते की ओर एक बाघ ने तहसील के मानेगांव जंगल में दस्तक देकर चराई के छोड़े गाय पर हमला बोल कर शिकार करने से नागरिकों में दहशत का माहौल देखा जा रहा है. उक्त घटना विगत 21 जनवरी को तहसील के मानेगांव जंगल के तालाब परिसर में सामने आई है. इस घटना में मानेगांव निवासी सिताराम जयराम ब्राह्मणकर (70) नामक किसान के लगभग 40 हजार रुपयों के गाय की मृत्यु हुई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष जनवरी से सितंबर तक सीटी -1 नामक नरभक्षी बाघ ने आतंक मचाकर तहसील के कुल 4 व्यक्तियों की शिकार की थी. इस शिकार की घटनाएं तहसील के दहेगांव, इंदौरा व कन्हालगांव जंगल परिसर में सामने आई थी. हालांकि नियमित अंतराल से तहसील के विभिन्न जंगल क्षेत्र में सीटी -1 नामक बाघ के तहत विभिन्न व्यक्तियों के शिकार की घटनाएं सामने आने पर सभी और बेहद दहशत का माहौल निर्माण हुआ था. हालांकि पिछले 4 माह पूर्व सरकार के वन विभाग के तहत सीटी -1 बाघ को बंदी किए जाने से नागरिकों ने राहत की सांस ली थी.
इस बीच पिछले कुछ दिनों पुर्व तहसील के दहेगांव जंगल में ओर एक बाघ ने दस्तक देने की जानकारी मिली है. इस बाघ ने जंगल क्षेत्र के मानेगांव के जंगल क्षेत्र में भटककर पिछले 21 जनवरी को दोपहर के दौरान चराई के लिए छोड़े गए लगभग 8 वर्षीय गाय पर हमला बोल दिया. इस हमले में बाघ ने गाय को गंभीर रूप से घायल कर जंगल भागते ही चरवाहे ने घटना की जानकारी लाखांदूर वन विभाग सहित पशु स्वास्थ विभाग को दी.
जानकारी के आधार पर लाखांदूर के वन परिक्षेत्र अधिकारी रूपेश गावित के मार्गदर्शन में वन रक्षक एस. जी. खंडागले, आर. एस. मेश्राम व पशू स्वास्थ अधिकारी डा. परशुरामकर ने घटनास्थल पहुंचक पंचनामा कर गंभीर रूप से घायल गाय पर इलाज किया. किंतु इलाज के बाद अगले दिन बाघ के हमले में घायल गाय की मृत्यु होने की जानकारी मिली है. इस घटना में पीड़ित किसान के लगभग 40 हजार रुपयों के गाय की मृत्यु का आरोप कर सरकार के वन विभाग से मुआवजे की मांग की गई है.
हालांकि सीटी -1 बाघ को वन विभाग के तहत बंदी बनाए जाने पर नागरिकों ने राहत की सांस ली थी. किंतु पिछले कुछ दिनों पुर्व तहसील के दहेगांव जंगल क्षेत्र पहुंचे एक बाघ ने परिसर के मानेगांव जंगल परिसर में चराई के लिए छोड़े गाय पर हमला कर शिकार करने से एक बार फिर नागरिकों में दहशत देखी जा रही है.