Lakhandoor sugar factory will start

Loading

भंडारा. 8 वर्षों से बंद लाखांदूर का शक्कर कारखाना शुरू होने जा रहा है. अत: अक्टूबर के अंत से लाखांदूर तहसील में गन्ने की खेती शुरू हो गई है.लाखांदूर शक्कर कारखाने के मुख्य कृषि अधिकारी नरेंद्र चौधरी ने बताया कि इस फैक्ट्री से लाखांदूर तहसील और इलाकों के करीब 5000 बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

लाखांदूर में शक्कर कारखाना, जो वर्ष 2013 में शुरू हुआ था,लगभग 8 वर्षों से बंद पडा है. इस कारखाने को मौदा के सत्यजीत गुजर ने समरप्रताप एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से सांसद प्रफुल्ल पटेल के सहयोग से खरीदा है. इस फैक्ट्री का मरम्मत कार्य 15 जुलाई से बहुत तेजी से शुरू हो गया है और फैक्ट्री प्रशासन का इरादा 25 नवंबर से पहले उक्त मरम्मत कार्य को पूरा कर वित्तीय वर्ष 2023-24 के सिविंग सीजन में सिल्टिंग शुरू करने का है.

इस तहसील में बेरोजगारों के लिए रोजगार का कोई साधन नहीं होने के कारण बेरोजगार युवाओं को रोजगार की तलाश में पलायन करना पड़ रहा है. इस फैक्ट्री के माध्यम से 450 लोगों को प्रत्यक्ष फैक्ट्री श्रमिक के रूप में रोजगार मिलेगा और 5000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से गन्ना काटने वाले मजदूरों, ट्रैक्टर चालकों के माध्यम से रोजगार मिलेगा. इसके लिए फैक्ट्री प्रशासन ने पवनी, अर्जुनी/मोरगांव, साकोली, सड़क अर्जुनी सहित लाखांदूर तहसील के सभी गन्ना किसानों से गन्ना लगाकर गन्ना फैक्ट्री प्रशासन को सहयोग करने की अपील की है. 

गन्ने को 2200 रुपये का भाव!

वित्तीय वर्ष 2023-24 के गन्ना पिराई मौसम में 50 ते 60 हजार टन गन्ना पिराई का लक्ष्य रखा गया है.इस फैक्ट्री की क्षमता पहले 600 टन प्रतिदिन थी. इसे बढ़ाकर अब 750 टन प्रतिदिन कर दी गई है. अगले साल यह क्षमता करीब 1250 टन प्रतिदिन होगी. लाखांदूर शुगर फैक्ट्री में गन्ने को 2200 रुपये का भाव दिया जाएगा और इसका भुगतान 2 किस्तों में 2000 रुपये और 200 रुपये के हिसाब से किया जाएगा.