Stray Dogs
फ़ाइल फोटो

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भंडारा. भंडारा शहर में आवारा कुत्तों की संख्या आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ती जा रही है. इन आवारा कुत्तों के खतरनाक होने की वजह से सड़कों पर न सिर्फ बच्चे बल्कि महिलाएं एवं बुजुर्ग भी अकेले जाने से डरते हैं. शहर में आवारा कुत्तों की वजह से देर रात में मोटरसाइकिल स्कूटर पर जाना भी खतरे से खाली नहीं है. यह कुत्ते टोली में मोटर साइकिल पर झपट पड़ते हैं. कुत्तों के अचानक सामने आने या पीछा करने की वजह से कई दुर्घटनाएं भी घटी हैं. जिसमें बाइक चालकों को चोटिल होकर घर पहुंचना पड़ा है.

हॉकर्स पर हमला

शहर में समाचार पत्र बांटने का काम करने वाले किशोरवयीन बच्चों की साइकिल पर आवारा कुत्तों द्वारा हमला करने की घटनाएं हर दिन हो रही हैं. इसे लेकर नप से शिकायत भी हुई हैं. नप का ध्यान नहीं होने से बच्चे दशहत में पेपर बांटने का काम कर रहे हैं.

मांस के आदी होने से परेशानी बढ़ी

भंडारा शहर में मटन, चिकन बिर्यानी, नानवेज चायनीज की दूकानें कुकरमुत्ते की तरह बढ़ रही हैं. इन दूकानों से बाहर में फेंके गए मांसाहारी वेस्टेज पर ही यह कुत्ते पलते हैं. जिससे शहरवासियों के लिए यह कुत्तों ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं. वहीं कुछ नानवेज रेस्टारेंट चालक ऐसे भी हैं, जो वेस्टेज का निपटारा करने के लिए आवारा कुत्तों को बढ़ावा दे रहे हैं. यह रेस्टोरेंट चालक अपनी हरकतों से शहरवासियों के लिए मुसीबत पैदा कर रहे हैं.

पीपीए ने दिया था प्रस्ताव

भंडारा शहर में आवारा कुत्तों की संख्या खतरनाक स्तर पर बढ़ चुकी है. इसके लिए मामूली शुल्क लेकर सभी कुत्तों की नसबंदी करने का प्रस्ताव पीपल्स फार एनीमल की ओर से दिया गया था, लेकिन इस प्रस्ताव पर अब तक विचार तक नहीं किया गया है.