- मुंबई हाई कोर्ट की नागपूर बेंच ने रेलवे को सुनाई खरी खरी
भंडारा. भंडारा के खात रोड पर रेल प्रशासन की जमीन पर रावण दहन को लेकर एक ही पार्टी के दो गुटों में रेलवे ने अनुमति नकारने के बाद चल रहे विवाद पर हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए रेलवे को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने कहा.
कोर्ट ने कहा की दोनों पक्षों द्वारा रिकार्ड में रखे गए दस्तावेजों से पता चलता है कि अब भंडारा नगर विजयादशमी उत्सव समिति के दो गुट हो गए हैं जिन्हें एक ही जगह विजयादशमी का त्योहार मनाना है. इन दोनों गुटों को उनके आवंटित क्षेत्रों के भीतर, लगभग 22,500 वर्ग मीटर के विशाल मैदान में अपने समारोह आयोजित करने की अनुमति दी गई थी. बाद में असुविधा होने का कारण बता अनुमति को डिवीजनल इंजीनियर द्वारा रद्द कर दिया गया.
कोर्ट ने कहा की अचानक ‘असुविधा’ का कारण कैसे सामने आया जबकि अनुमति देने के पहले इस पर विचार किया जाना चाहिए था. अब स्थिति यह है कि तहसीलदार भंडारा ने याचिका लम्बित होने का कारण बताते हुए याचिकाकर्ताओं के गुट को समारोह आयोजित करने के लिए दी गई अपनी अनापत्ति को निरस्त कर दिया है.
कानून-व्यवस्था की गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने रेलवे के विभागीय इंजीनियर को विजयादशमी के आयोजन की अनुमति प्रदान करने के पूरे मुद्दे पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी गुट को अनुमति दिए जाने के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति में कोई गड़बड़ी पैदा होती है, तो जिम्मेदारी रेलवे की होगी.