एसटी कर्मचारियों का आंदोलन

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    भंडारा. एसटी कर्मचारियों की हडताल यात्रियों को वाहनों की तलाश में बुरी तरह सडक पर भटकने पर मजबुर कर रही है. एसटी कर्मचारियों के कारण दिवाली पर गाव जाने वाले यात्रियों के बहुत हाल हो रहे है. यात्री बसस्थानक परिसर तथा त्रिमुर्ती चौक पर सामान लेकर वाहनों की प्रतिक्षा करते नजर आए. 

    भंडारा विभाग के 6 डीपो में केवल तीन फेरियां चली. यह तीनों फेरियां भंडारा डीपो की थी. जबकि साकोली, तुमसर, पवनी, गोंदिया तथा तिरोडा की एक भी बस सडक पर नहीं दौडी. 30 अक्टूबर से राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों ने अपनी अलग अलग मांगों को लेकर हडताल शुरू की है. 

    शासकीय सेवा में शामिल करने तथा बकाया वेतन देने की प्रमुख मांगों को लेकर एसटी विभाग के कर्मचारी न्यायालय में न्याय मांग रहे है. लेकिन हडताल के कारण यात्री सडक पर आ गए है. निजी वाहनों के भरोसे यात्रा करनी पड रही है. 

    बसस्थानक परिसर, त्रिमुर्ती चौक के आसपास यात्री बैग लेकर वाहनों का इंतजार करते दिखे. बसस्थानक पर सन्नाटा छाया रहा. जबकि बसस्थानक के बाहर निजी टैक्सियों, बसों का जमावडा दिखु यात्री हाथ में समान लेकर वाहन मिलने की आस लगाए थे. ऐसे में यात्रियों में रोष पनप रहा है. 

    सुरक्षा का खतरा 

    हजारों यात्री निजी वाहनों के भरोसे सडक पर यात्रा कर रहे है. हाईवे पर कई ऐसे वहन भी आए है जो कभी जिले में नहीं चले है. ऐसे वाहनों से असुरक्षित यात्रा का खतरा बना हुआ है. यात्री हडताल खत्म होने की प्रतिक्षा कर रहे है. 

    यात्री केवल निजी वाहनों पर ही निर्भर-वडसकर  

    विभागीय नियंत्रक विभाग भंडारा के चंद्रकांत वडसकर ने कहा कि कर्मचारी मानने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में भंडारा की 54 में से केवल 3 फेरियां ही चल पायी है. नागपुर, अमरावती, अकोला, चंद्रपुर सभी विभाग बंद होने से जिले में बसें नहीं आ रही. यात्री केवल निजी वाहनों पर ही निर्भर है.