Tehsildar, Naib Tehsildar on indefinite strike; Work affected, parties had to return empty-handed

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भंडारा. राज्यव्यापी आंदोलन के तहत जिले के 7 तहसीलदार और 25 नायब तहसीलदार ग्रेड पे में वृद्धि को लेकर 3 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है. इससे प्रशासन की रीढ़ माने जाने वाले तहसील कार्यालयों का काम ठप हो गया है. वर्तमान में तहसील कार्यालय में विभिन्न दैनिक गतिविधियों एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए काफी भीड़ रहती है. लेकिन हड़ताल के कारण तहसील का काम ठप होने से कई लोगों को परेशानी हुई. अधिकांश को बिना काम के ही खाली हाथ लौटना पड़ा. हर जगह कल आने को कहा गया.

नायब तहसीलदार राजस्व विभाग में एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद होता है. लेकिन चूंकि नायब तहसीलदार के पद का वेतन राजपत्रित वर्ग-2 का नहीं है. इसलिए महाराष्ट्र तहसीलदार और नायब तहसीलदार एसोसिएशन ने 1998 से आज तक अनेक बार शासन स्तर पर मांग की लेकिन उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया,ऐसा संगठन का कहना है.

संगठन ने पूर्व में 4800 रुपये ग्रेड पे की स्वीकृति के संबंध में सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस दिया था. लेकिन शासन के राजस्व प्रशासन ने इस संबंध में कोई सुध नहीं ली. तत्कालीन अपर मुख्य सचिव, राजस्व मंत्री एवं वित्त मंत्री के साथ हुई बैठक में मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया गया. हालांकि, इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है. के. पी. बख्शी की अध्यक्षता वाली वेतन त्रुटि समिति के समक्ष नायब तहसीलदारों के ग्रेड वेतन में वृद्धि के संबंध में एक प्रस्तुति दी गई. कार्य की प्रकृति, उत्तरदायित्व आदि के बारे में तमाम जानकारियों देने के बावजूद संगठन की मांग को नज़रअंदाज़ किया गया है.

इस पृष्ठभूमि को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य तहसीलदार और नायब तहसीलदार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से मांग स्वीकार किए जाने तक राज्यव्यापी हड़ताल के संकल्प को स्वीकार कर लिया है. इस विरोध प्रदर्शन में सभी सात तहसीलों के तहसीलदारों और 25 नायब तहसीलदारों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर हडताल में हिस्सा लिया. नायब तहसीलदारों ने 3 अप्रैल को भंडारा के त्रिमूर्ति चौक पर धरना व प्रदर्शन किया. इस आंदोलन का नेतृत्व संगठन के जिलाध्यक्ष संजय जांभुलकर, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र निंबार्ते, कोषाध्यक्ष घनश्याम सोनकुसरे, सचिव आनंद हटटेवार कर रहे हैं.