सरकार ने विदर्भ की उम्मीद एवं विश्वास के साथ धोखा

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    भंडारा: सरकार ने बडी आसानी से नागपुर में होनेवाले विधानमंडल के अधिवेशनों को रद्द कर मुंबई में लिया और यह मान कर बैठ गयी है कि चूंकि विदर्भवादी शांत एवं सहनशील है, इसलिए कोई प्रतिक्रिया नहीं है। विदर्भवासियों को सहनशील होने को उसकी कमजोर मानकर पश्चिम महाराष्ट्र के प्रभुत्ववाली सरकार एवं उसमें शामिल विदर्भ के बडे नेताओं के मौन से विदर्भ पर एक बाद एक हो रहे अन्याय से न सिर्फ नागरिक बल्कि बडे नेता भी आक्रोशित है। यद्यपि बयानों में झलक रहा यह गुस्सा जब तक आंदोलन की शक्ल नहीं लेता, तब तक विदर्भ की राह आसान नहीं होगी।

    सरकार का बहाना : खुश नहीं है सर्वदलीय नेता

    सरकार ने कोरोना के बहाने नागपुर में शीतकालीन सत्र को टाल दिया था। इसके बाद उम्मीद थी कि सरकार वैदर्भियों के गुस्से को शांत करने के लिए नागपुर में एक बजट सत्र आयोजित करेगी। लेकिन  नागपुर अधिवेशन को वापस मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके लिए वजह यह दी गयी है कि नागपुर में दोनों सदनों के सदस्यों के लिए राज्यपाल के अभिभाषण के लिए एक साथ बैठने की विधायिका में कोई सुविधा नहीं है। इस संबंध में विपक्ष और सत्ताधारी दल समेत विदर्भ के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है।

    समझौते का उल्लंघन : प्रशांत लांजेवार

    पूर्व शिवसेना उपजिलाप्रमुख प्रशांत लांजेवार के अनुसार राज्य सरकार बार-बार नागपुर से अधिवेशन को मुंबई लेकर भाग रही है। यह नागपुर समझौते का उल्लंघन  है। यह विदर्भ के साथ बहुत बड़ा अन्याय है।   

    विदर्भ पर हो चर्चा : जयश्री बोरकर

    कांग्रेस महिला ईकाई जिलाध्यक्ष जयश्री बोरकर ने कहा कि पिछले दो साल से नागपुर में होने वाला सम्मेलन कोरोना के प्रकोप का हवाला देते हुए मुंबई में लिया गया। उम्मीद की गई थी कि बजट सत्र नागपुर में  होगा। लेकिन यह उम्मीद पूरी नहीं हुई। ऐसे में सरकार को मुंबई अधिवेशन में विदर्भ मुद्दे पर चर्चा करने का स्वतंत्र समय देकर विदर्भवासियों की भावनाओं का सन्मान करना चाहिए।

    संघर्ष के लिए उसका रही : प्रमोद येल्लेजवार

    भंडारा जिले में महिला बचत समूह आंदोलन को मजबूती प्रदान करनेवाले प्रमोद येल्लजवार ने कहा कि शीतकालीन सत्र छूट गया था, लेकिन विदर्भ के न्याय के अधिकार के लिए कम से कम ग्रीष्म सत्र नागपुर में आयोजित करना था। इससे विदर्भ में समस्याओं पर विचार मंथन एवं बैकलॉग को दूर करने में मदद मिलती। विदर्भवासियों की भावनाओं से बार बार खेला जा रहा है। इससे शांत बैठे विदर्भवासियों के मने पराएपने की भावना जगाने का काम सरकार कर रही है। अपने व्यवहार से वह लोगों को उकसा रही है।

    निंदनीय कदम : सांसद सुनील मेंढे

    सांसद सुनील मेंढे ने शिवसेना के नेतृत्व वाली महाआघाडी सरकार द्वारा नागपुर को उसके अधिकार के अधिवेशन से वंचित रखने की कृति को गंभीर एवं निंदनीय बताया है। उन्होने कहा कि इससे जाहिर होता है कि यह सरकार विदर्भ के प्रति असंवेदनशील है। इस फैसले से वैदर्भ के लोगों में भारी निराशा है। नागपुर समझौते के अनुसार, वर्ष में कम से कम एक बार नागपुर में एक सम्मेलन आयोजित करना अनिवार्य है। लेकिन सरकार ने जानबूझकर विदर्भवासियों को अपमानित करने के लिए अधिवेशन को मुंबई में स्थानांतरित किया है। 

    विदर्भ विरोधी है, राज्य सरकार 

    भंडारा एवं गोंदिया जिले के विधान परिषद सदस्य डा। परिणय फुके ने कहा कि राज्य में महाविकास आघाड़ी ने साबित कर दिया है कि वह विदर्भ विरोधी है। विदर्भ की जनता को धोखा देने वाली इस सरकार को सबक सिखाए बिना विदर्भ की जनता शांत नहीं बैठेगी। 

    अधिवेशन नागपुर में ही हो : मोहन पंचभाई

    कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहन पंचभाई ने संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दरअसल शीतकालीन सत्र नागपुर में होना चाहिए था। लेकिन बजट सत्र नागपुर में देने का वादा किया था। लेकिन अब वह मुंबई में हो रहा है। नागपुर में अधिवेशन नहीं होने का दुख है।  विदर्भवासियों की उम्मीद एवं भावनाओं को सन्मान करना चाहिए। विदर्भ में सर्वसमावेशी विकास को गति देने की जरूरत है। उन्होने तीनों दल एक साथ आने  एवं नियोजित अधिवेशन को नागपुर में लेने का आह्वान किया। 

    झूठा बहाना : मुकेश पुडके

    ओबीसी राज्य महासंघ  सचिव मुकेश पुडके ने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आयी है। स्कूल शुरू हो चुके है। पर्यटन स्थल, सार्वजनिक कार्यक्रम, समारोह हो रहे हैं। स्पष्ट है कि सरकार की मंशा ही नहीं है कि वह नागपुर में अधिवेशन लें। विदर्भ के साथ अन्याय हुआ है। सरकार विदर्भ से जुडे मुद्दों से बचना चाहती है। 

    उनकी विदर्भ विरोधी नीति के कारण सरकार बार-बार विदर्भ के साथ अन्याय कर रही है। जब से राज्य में तिगड़ी सरकार अस्तित्व में आई है, नागपुर में पहले अधिवेशन के अलावा कोई अधिवेशन नहीं हुआ है।