Bombay High Court
बंबई उच्च न्यायालय

बंबई उच्च न्यायालय मराठा आरक्षण देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर जून में करेगा सुनवाई।

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मुंबई. बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने मराठा समुदाय (Maratha Community) के लोगों को आरक्षण देने के महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई मंगलवार को 13 जून तक के लिए स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी तथा न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की पूर्ण पीठ ने आरक्षण (Reservation) पर रोक की याचिकाकार्ताओं की मांग पर तत्काल कोई आदेश पारित नहीं किया।

पीठ ने स्पष्ट किया कि मार्च में एक समन्वय पीठ द्वारा पारित एक अंतरिम आदेश के अनुसार, आरक्षण के तहत दिया गया कोई भी प्रवेश या रोजगार इन याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होगा। पूर्ण पीठ ने पिछले सप्ताह याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी। अदालत ने मामले में सुनवाई 13 जून तक के लिए स्थगित कर दी।

याचिकाओं में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए महाराष्ट्र राज्य आरक्षण अधिनियम, 2024 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। इस अधिनियम के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।

याचिकाकर्ताओं के अनुसार, मराठा समुदाय पिछड़ा समुदाय नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि महाराष्ट्र पहले ही आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को पार कर चुका है। (एजेंसी)