Stray Dogs
फाइल फोटो

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खामगांव (सं). शहर में आवारा कुत्तों का आतंग बढ गया है. जिससे नागरिकों को रास्ते पर चलना मुश्किल हो गया है. इस बीच कुत्तों की संख्या पर रोकने स्थानीय पालिका कुत्तों की नसबंदी करने की मुहिम चला रही है. बीते 2 महीनों में शहर के 500 से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी की गई. इस मुहिम को अप्रैल के अंत तक चलाई जाएगी. नसबंदी किये गए कुत्तों के गले में विशेष पट्टा बांधकर कुत्ते को जिस जगह से लाया उसी जगह दोबारा छोड़ दिया जाता है, ऐसी जानकारी टीम प्रमुख श्रीमती आयलाणी ने दी.

खामगांव शहर के विविध परिसर एवं रास्ते पर बड़े पैमाने पर आवारा कुत्ते नजर आते हैं. हर साल आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसके कारण रास्ते से चलने वाले राहगीरों दूसरे रास्ते से जाना पड़ता है. ऐसे कुत्तों की संख्या पर रोक लगान के लिए स्थानीय पालिका ने कुत्तों की नसबंदी करने की मुहिम चला रही है.

पालतू जानवरों के लिए कार्य करने वाले विविध संस्था को नप ने नसबंदी करने का ठेका दिया है. जिस कारण खामगांव शहर में बीते 14 फरवरी से आवारा कुत्तों की नसबंदी की मुहिम जारी है. शहर में 3000 कुत्ते होने का अंदाज हैं. शहर के विविध परिसर के आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी करने के बाद 3 दिन इन कुत्तों को ऑब्जर्वेशनमें रखा जाता हैं. इसके बाद उनके गले में पट्टा बांधकर उन्हें जिस जगह से लाया उसी जगह छोड़ दिया जाता है.

इस महीने 1 हजार कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य
पालिका ने 1000 कुत्तों की नसबंदी करने का लक्ष्य रखा है जिसे अप्रैल माह के अंत तक पूरा किया जाएगा. नसबंदी किए कुत्तों को क्यूआर कोड दिया जाता है. इससे इन कुत्तों की कब नसबंदी हुई एवं उसपर कौन सा इलाज किया गया इसकी जानकारी आसानी से उपलब्ध होती है. 10 से 12 लोगों की टीम यह मुहिम चला रही है. जिसमें डाक्टरों का भी समावेश है. पशुवैद्यकीय अधिकारी द्वारा इन कुत्तो की जांच की जा रही है. ऐसी जानकारी उक्त मुहिम चलाने वाली टीम ने दी है.