वरोरा. दिनों दिन खाद्य तेलों के कीमतों में हो रही वृध्दि से विशेष रुप से ग्रामीण परिसर की गृहणियों का आर्थिक बजट पूरी तरह से बिगड गया है. कुछ महीने पूर्व 140 रुपए किलो मिलने वाला खाद्य तेल अब 180 से 190 रुपए किलो मिल रहा है. इसकी वजह से गृहणियों का बजट बिगड गया है.
5 राज्यों में हुए चुनाव के बाद केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के साथ ही अन्य जीवनाश्यक वस्तुओं के दाम लगातार बढाती जा रही है. यह देखकर अनेक लोगों का यही कहना है कि केंद्र सरकार महज 5 राज्यों के चुनाव में सहानुभूति पाने के लिए ही पेट्रोलियम के साथ अन्य चीजों के दाम स्थित रखे थे. जैसे ही चुनाव के नतीजे घोषित हुए हर चीज की कीमत बेलगाम हो गए है.
इस मंहगाई ने ग्रामीण गृहणियों के कमर तोड़कर रख दी है. रोज कमाकर खाने वालों के हाल बेहाल हो रहे है. अब खाद्य तेल के आसमान छूते दामों ने उनके घर का बजट गडबडा दिया है. इसलिए खाद्यतेल के बढाये हुए दाम कम करें जिससे सामान्य नागरिकों को कुछ राहत मिल सके.
रोज कमाकर खाने वालों पर अधिक असर
ग्रामीण परिसर के मजदुरों को प्रतिदिन 220 से 250 रुपए मजदूरी मिलती है इसमें भी अनेकों को रोज काम नहीं मिलता है. वहीं महिलाओं को इससे कम मजदुरी मिलती है ऐसे में 180 से 190 रुपए का खाद्य तेल लेने से अन्य सामानों की खरीदारी की समस्या उनके सामने आती है. इसलिए तेल के दाम कम करने की मांग गृहणियों ने की है.