
चंद्रपुर. सरकारी महकमे में विलय की मांग को लेकर विगत 45 दिनों से आंदोलनरत एसटी कर्मियों की हड़ताल आज मंगलवार को जारी रही. आज कुछ कर्मियों के चंद्रपुर डिवीजन के आगारों में ज्वाईन होने की संभावना जतायी जारही थी परंतु देर शाम तक किसी भी कर्मी ने डयूटी ज्वाईन नहीं की थी. इस बीच एसटी बसेस ना चलने से सभी यात्रियों का काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
उल्लेखनीय है कि एसटी बस ही एक ऐसा साधन है जिसकी गांव गांव तक पहुंच है. परंतु एसटी कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण चंद्रपुर डिवीजन अंतर्गत आनेवाले चंद्रपुर, राजुरा, चिमूर, वरोरा आगार की सभी बसेस ठप पड़ी हुई है. इसकी वजह से शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना परिवहन करनेवाले यात्रियों को मजबूरन निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में निजी वाहनों द्वारा यात्रियों को क्षमता से अधिक भरकर ले जाने के कारण दुर्घटना का खतरा तो बढ गया है साथ ही निजी वाहनों से यात्रा करने के कारण यात्रियों को ज्यादा शुल्क अदा करना पड़ रहा है.
घंटों प्रतीक्षा के बाद मिला निजी वाहन- शेखर कुंभारे
भद्रावती निवासी शेखर कुंभारे ने एसटी बस कर्मियों की हड़ताल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वें हाल ही में गडचिरोली जाने के लिए उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. गडचिरोली जाने केलिए वाहन उपलब्ध नहीं था. चंद्रपुर आकर उन्हें निजी वाहन से यात्रा करनी पड़ी. इसके चलते उन्हें ना केवल आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा साथ शारीरिक, मानसिक परेशानी हुई. निजी वाहन के लिए उन्हें अपने परिवार समेत घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ी.
रोज कमाने वालों की दिक्कत-महेश वर्मा
बल्लारपुर निवासी महेश वर्मा ने कहा कि चंद्रपुर मुख्यालय होने से यहां प्रतिदिन काम के लिए आना पड़ता है. पहले एसटी बस का पास होने आसानी हो जाती थी अब प्रतिदिन एसटी बस किराये से कई गुना अधिक शुल्क अदा करने के कारण उनका आर्थिक बजट बिगड गया है. छोटी कमाई में अत्याधिक यात्रा किराया अदा करना पड रहा है.
दिव्यांगों भारी परेशानी- भगवान मानकर
पडोली में एक निजी फर्म में कार्यरत बल्लारपुर निवासी दिव्यांग भगवान मानकर का कहना है कि उन्हें एसटी बस से यात्रा में केवल नाममात्र किराया देना पड़ता है. साथ ही सुरक्षित यात्रा होती थी परंतु जब से हड़ताल के चलते बस सेवा बंद है उन्हें काफी आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानी उठानी पड़रही है.
समय और पैसों की बर्बादी से परेशानी- प्रणयकुमार बंडी
घुगघुस निवासी प्रणय प्रोविजन दुकान के संचालक प्रणयकुमार बंडी ने कहा कि उन्हें सामग्री खरीदी करने के लिए चंद्रपुर नियमित आना होता है. पहले भारी सामान बस में डालकर आसानी से घुग्घुस पहुंचा जा सकता था परंतु अब निजी वाहन को किराया भाड़ा देने के साथ सामान का लगेज देना पड़ रहा है. आसानी से वाहन नहीं मिलने से समय और पैसों की बर्बादी होती है.