वरोरा. शहर से सटकर बहने वाली वर्धा नदी में आई बाढ और बांध का पानी छोडे जाने की वजह से परिसर के किसानों की फसलों का भारी नुकसान हुआ है. इसके बाजवूद सरकार द्वारा पीडितों किसानों को अल्प मुआवजा दिया जा रहा है. जो पीड़ित किसानों के लिए अपर्याप्त है. इसलिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपए देने की रवि शिंदे चॅरीटेबल ट्रस्ट, चंद्रपुर के संस्थापक अध्यक्ष रवि शिंदे ने जिलाधीश को सौंपे निवेदन में की है.
राज्य की बाढ की स्थिति को देखते हुए मंत्रिमंडल में निर्णय लिया गया. इसके अनुसार प्रति हेकटयरी 13,600 रुपए मदद दी जाएगी. एनडीआरएफ के नियमानुसार जितनी मदद दी जाती थी उससे दुगुना देने का दावा राज्य सरकार ने किया है. साथ ही दो हेक्टेयर की सीमा को बढाकर उसे तीन हेक्टेयर कर दिया है. एनडीआरएफ के नियमानुसार 6800 रुपए मिल रहे थे उसे दुगुना कर 13,600 रुपए प्रति हेक्टेयर का निर्णय लिया है. किंतु यह किसानों के लिए अपर्याप्त है.
जिला बैंक व अन्य बैंक के माध्यम से किसानों को कर्ज वितरित किया गया है. जिसमें धान को प्रति एकड 19,100 रुपए, ज्वारी 11,200, कपास 28,700, अरहर 19,000, सोयाबीन 21,100, गन्ना 46,400, मूंगफल्ली 31,000, मक्का 31,800, मिर्च 43,300, उदड 11,900 और मूंग फसल के लिए 11,700 प्रति एकड की दर से कर्ज वितरित किया गया है. इस औसत से किसानों को काफी कम मुआवजा दिया जा रहा है.
इस संबंध में वरोरा भद्रावती के किसानों की बैठक आयोजित की गई. बैठक में अप्रैल से जून में बाढ की वजह से बर्बाद हुई फसल और दुबारा बुआई के बाद बाढ की भेंट चढ गई फसल पर विचार विमर्श किया गया. सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता काफी कम है इसलिए किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ कर नियमित कर्ज अदा करने वालों को 50,000 रुपए की दर से सहायता दे.
वेकोलि क्षेत्र के पीड़ितों को वेकोलि की ओर से नुकसान भरपाई देने की मांग जिलाधीश के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री को भेजे निवेदन में की है. निवेदन सौंपने वालों में जिप के पूर्व सदस्य प्रवीण सुर, पंचायत समिति वरोरा के पूर्व उपसभापति दत्ता बोरेकार, पंचायत समिति भद्रावती के पूर्व सदस्य भास्कर ताजणे, वरोरा नगरपरीषद के पूर्व उपाध्यक्ष खेमराज कुरेकार, भद्रावती पंचायत समिति के पूर्व सदस्य नागोराव बहादे व किसानों का समावेश है.