दियासपना ना बन जाए भिसी नपं कि घोषना, ग्रामपंचायत चुनाव होना तय

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  • घुग्गूस नगरपालिका घोषीत

भिसी. ग्रामपंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतीम तारीख 30 दिसम्बर थी. भिसी ग्रामपंचायत के 6 प्रभागों की 17 सीटों के लिए 50 से अधिक उम्मीद्वारों ने नामांकन दाखिल किया. 4 जनवरी की दोपहर 3 बजे तक नामांकन वापस लेने की अंतीम तारिक रखी है. दो दिन पूर्व ही राज्य के नगर विकास मंत्रालय व्दारा भिसी नगर पंचायत का दर्जा दिलाने का नोटीफीकेशन जारी किया. इसके बावजुद ग्रापं चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के उम्मीद्वारों को उत्साह को देखते हुए 15 जनवरी को भिसी ग्रापं का चुनाव होना तय माना जा रहा है. इन सब के चलते भिसी नगर पंचायत बनने का स्वप्न केवल दियासपना ना बन जाए ऐसी चर्चा चल रहा है.

भिसी ग्रापं का चुनाव 15 जनवरी 2021 को लिया जा रहा है. जिसके चलते इच्छुक उम्मीद्वारों ने नामांकन दर्ज किए. पिछले सप्ताह से भिसी को नपं का दर्जा मिलने की तथा ग्रामपंचायत चुनाव रद्द होने की खबर तथा नगर विकास मंत्रालय द्वारा भिसी को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने हेतु निकाले गए नोटीफिकेशन से नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीद्वारों में किसी प्रकार की कमी नही आई. सभी भाजप समर्थित गुटो ने उम्मीद्वारों के नामांकन दाखील कराए. हालाकी भाजपा के विधायक बंटी भांगडीया व्दारा भिसी को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने हेतु अथक प्रयास चल रहे है. 

घुग्गूस की तर्ज पर आंदोलन की आवश्यकता 

घुग्गूस नगरपालिका बनने की मांग पिछले कई वर्षो से हो रही है. ग्रामपंचायत चुनाव घोषीत होते ही वहां पर सभी पक्षो के नेताओं एकजूट होकर नगरपालिका के लिए आंदोलन शुरू कीया. शहर बंद, रास्ता रोको आंदोलन तो कभी सामुहीक मुंडन आंदोलन किया. इसके साथ ही संपूर्ण घुग्गूस वासीओं ने ग्रामपंचायत के लिए होने वाले चूनाव का बहीष्कार तक किया. यहां तक की नामांकन दाखील करने के आखिरी दिन तक एक भी नामांकन दाखील नही किए गए. आखिरकार राज्य सरकार व्दारा घुग्गूसवासियों की मांग को पूरा करना पडा तथा नगरपालिका की घोषना करनी पडी.

घुग्गूस को नगरपालिका का दर्जा दिलाने का श्रेय सभी राजनितिक पार्टी को जाता है. परंतु ठिक इसके विपरीत चित्र भिसी मे दिखाई पडता है. एक ओर भाजपा के विधायक बंटी भांगडीया भिसी को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए दिन_रात एक किए हूए है वही दुसरी ओर भाजपा समर्थित गुटों ने ग्राम पंचायत चूनाव हेतू अपने उम्मीद्वारों के नामांकन दाखील किए है.

भिसी में गुटो की राजनिति

भिसी गांव में पिछले अनेक दशकों से मुरकुटे गुट, रेवतकर गुट तथा ठोंबरे गुटों की राजनीती चलती आ रही है. आज इन गुटों कि जगह भाजपा, कॉग्रेस तथ बहुजन वंचीत आघाडी ने ली है. आज इन्ही पार्टीओं के समर्थित अलग अलग गुट राजनिति कर रहे है. गुटो-गुटो की राजनिति मे भाजपा, कॉग्रेस समर्थित गुट भी आपसी विवाद के चलते दो फाड हो चुके है. गुटो- गुटो की इस राजनिति में भिसी की जनता गेंहूं मे घून की तरह पिसती आ रही है. यदी ऐसा ही चलता रहा तो भिसी को नगर पंचायत होते देखना भिसीवासीओं के लिए एक दिवास्वप्न बनकर रह जायेगा.