आदिवासी छात्रावास इमारत की सामग्री चोरी, संबंधित विभाग की उदासीनता का परिणाम

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    चंद्रपुर. जिले के तेलंगाना राज्य की सीमा पर आदिवासी दुर्गम क्षेत्र के कोरपना तहसील में गड़चांदूर से 2 किमी दूरी पर स्थित हीरापुर ग्राम पंचायत अंतर्गत आदिवासी क्षेत्र के आदिवासी लड़के-लड़कियों के लिए एक हेक्टेयर 47 आर भूखंड दिया गया है. इस भूखंड पर इमारत निर्माण होकर 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक इमारत का उद्घाटन नहीं हुआ है. ऐसे में इस इमारत का सामान निरंतर चोरी किया जा रहा है. संबंधित विभाग की उदासीनता के कारण इमारत खंडहर बनती जा रही है.

    6 करोड़ की आई लागत

    गड़चांदूर-पाटण मुख्य रास्ते के समीप उक्त इमारत के लिए जिलाधिकारी ने प्रकल्प अधिकारी आदिवासी विकास विभाग को छात्रावास शैक्षणिक प्रायोजन के लिए भूमि भोग अधिकार पट्टे पर दिया गया है. इस इमारत के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 6 करोड़ का प्रावधान किया है. उक्त इमारत का काम निर्माण कार्य विभाग क्र. 1 के माध्यम से किया गया है. यहां से निरंतर सामान चोरी हो रहा है.

    आदिवासी बच्चों के लिए छात्रावास के लिए अत्याधुनिक सभी सुविधायुक्त इमारत बनाई गई है. आदिवासियों के कल्याण एवं विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रगति के लिए निर्मित गत 3 वर्षों से उद्घाटन के अभाव में उपेक्षित है. सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने उपरोक्त इमारत का निर्माण कार्य कर सभी सुविधाएं उपलब्ध कर अप्रैल 2017 में इमारत का कानूनी अधिकार प्रकल्प अधिकारी आदिवासी विभाग को सौंपा है.

    जांच कर कार्रवाई की मांग

    इस इमारत को पेयजल की सुविधा के लिए बोकुल डोह से नलयोजना की व्यवस्था की गई है. लेकिन उक्त काम की सामग्री यहां अस्त-व्यस्त पड़ी हुई है. शासन निधि से तैयारी की गई इमारत 2019 तक सुव्यवस्थित थी. लेकिन 2020-21 वर्ष में आदिवासी विभाग की लेटलतीफी एवं उदासीनता की वजह से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. मुख्य दरवाजा खुला पड़ा है और सामान चारों ओर बिखरा हुआ है. इस प्रकरण में जिम्मेदार लोगों की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गई है.

    चोरी हुआ सामान

    अत्याधुनिक तरीके से बनाई गई इमारत में पंखे, इलेक्ट्रिक सामान, दरवाजे, खिड़कियों के कांच, स्टील रॉड, मार्बल टाइल्स तक चोरी हो गए हैं. जुआरियों ने इसे अपना अड्डा बना लिया है. प्रेमी युगल यहां नजर आते हैं. ऐसे में यहां अनहोनी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है.