तभी, विदर्भ में प्रति फिल्म इंडस्ट्री तैयार होगी, मराठी स्टार अंकुश वाढवे का प्रतिपादन

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    चंद्रपुर. कलाकारों का इस्तेमाल करने की परम्परा आज भी समाज में चल रही है. कई बार उन्हे मानधन भी नही दिया जाता. इसलिए कलाकार का आत्मविश्वास कम होता जा रहा है. किसी भी कलाकार से बिना पैसे से काम ना कराए यह प्रकार बंद करे. स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित करे. उनकी कला की सराहना करे. विदर्भ में प्रतिभा है.

    मुंबई का नाटक सभागार में महंगा तिकट खरीकर देखते है फिर यही व्यवहार स्थानीय नाटक के बारे में होना चाहीए. विदर्भ में प्रति फिल्म इंडस्ट्री तैयार हो सकती है. ऐसा प्रतिपादन चला हवा येऊ द्या के मराठी स्टार कलाकार अंकुर वाढवे ने संवाददाताओं से संवाद करते हुवे किया.  

    इस समय नाट्य कलाकार डा. जयश्री कापसे, निशा धोंगडे, खेलसेना मंडल के  राजेश नायडू, बालु रामटेके व प्रशांत विघ्नेश्वर आदि की उपस्थिति थी. वाढवे ने कहा, अन्यो से व्यक्तित्व अलग रहने पर उसे पिछे खिचा जाता है. परंतु संघर्ष जारी रखने पर सफलता हाथ मिलती है. उसके बाद कलाकार की सरहना होती है. स्वयं को साबीत करना यही एक इसपर पर्याय है. ऍक्टर बनने तक यह क्षेत्र सिमित नही है अन्य बाते सिखने पर भी करिअर आगे कर सकते है. जब हम एक एक्ट प्ले करते है तो उसकी भाषा आना आवश्यक है. उसका वाचन करे, नाटक देखे व चित्रपट में मौजूद पात्र का अभ्यास करे ऐसा आवाहन अंकुर वाढवे ने किया.