- कलेक्टर, मनपा आयुक्त अदालत में पेश
चंद्रपुर: कोरोना मरीजों के प्रति बरती गई उपेक्षा के संदर्भ में जवाब नहीं दिए जाने पर मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने चंद्रपुर के जिलाधिकारी एवं महानगर पालिका आयुक्त को नोटिस जारी कर सोमवार को सुनवाई के लिए प्रत्यक्ष उपस्थित रहने के आदेश दिए थे. इसके अनुसार आयुक्त ने कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखा. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कोरोना की दूसरी लहर के संदर्भ में क्या पूर्व तैयारी की गई है इसका 13 जनवरी तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए है.
कोरोना काल में बरती गई लापरवाही के संदर्भ में पूर्व सांसद नरेश पुगलिया एवं अन्य नागरिकों ने मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है. इसकी सुनवाई में हाईकोर्ट ने दोनों अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए थे. दोनों अधिकारी सोमवार को नागपुर खंडपीठ के समक्ष उपस्थित हुए. चंद्रपुर जिले में कोरोना प्रतिबंध के लिए क्या उपाय किए गए है इस बारे में न्यायालय ने उनसे प्रश्न पूछा और कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से क्या उपाय किए जारहे है इस बारे मे न्यायालय को जवाब देने को कहा है.
चंद्रपुर में जीवनावश्यक औषधि भरपूर प्रमाण में उपलब्ध नहीं है, इसके चलते कोरोना मरीजों की मृत्यु का प्रमाण भी बढ गया है. पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध नहीं है इसके चलते पूर्व सांसद नरेश पुगलिया एवं अन्य ने न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है. इस संदर्भ में शुरूआत के समय प्रशासन की ओर से कोर्ट में कोई उपस्थित नहीं हुआ. इसके चलते आदेश जारी कर 21 दिसंबर को जिला और नगर प्रशासन को प्रत्यक्ष कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश जारी थे.इसके चलते सोमवार को प्रशासन के दोनों अधिकारी कोर्ट में उपस्थित थे.
याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भांडारकर, केन्द्र सरकार की ओर से एड. उल्हास औरंगाबादकर, मुख्य सरकारी वकील केतकी जोशी ने अपना पक्ष रखा. इस संदर्भ में न्या. सुनील शुक्रे और न्या. अविनाश घरोटे ने आगामी 13 जनवरी तक का समय दिया है.
जिला प्रशासन का स्पष्टीकरण
इस संदर्भ में जिला प्रशासन से भी प्रेसनोट जारी कर हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीड का हवाला देते हुए कहा गया है कि जिले में कोरोना को रेाकने के लिए जिलाधिकारी एवं मनपा आयुक्त द्वारा उचित तरीके से उपाययोजना की जा रही है.
प्रेसनोट में कहा गया है कि न्यायालय ने कोरोना टेस्टिंग सेंटर, शासकीय अस्पताल में बेड की संख्या, ऑक्सीजन बेड की संख्या बढाने के निर्देश न्यायालय को दिए है. साथ ही पश्चिम राष्ट्रों में नये प्रकार का कोरोना वायरस पाया गया है इसका एवं कोरोना की संभावित दूसरी लहर को देखते हुए आपातकालिन परिस्थिति का सामना करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष योजना बनाये एवं किए गए नियोजन की जानकारी न्यायालय के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए है.