ओवरलोड वाहनों से मार्गो की हालत बदतर, आरटीओ विभाग, खामियाजा भुगत रहे नागरिक

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    चंद्रपुर. चंद्रपुर जिले में अनेक उद्योग, कारखाने है जहां पर कच्चा माल लाने और तैयार माल ढुलाई के लिए सडक मार्ग का उपयोग किया जाता है. किंतु अनेक उद्योगों द्वारा 14 टन क्षमता वाली सडक पर 65 से 70 टन माल भरकर ढुलाई की जा रही है. इसकी वजह से सडकों की हालत बदहाल हो रही है और अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार बरसात को ठहरा रहे है. यदि आरटीओ विभाग इसकी जांच करें तो सच्चाई सामने आ सकती है.

    हाल के दिनों में गडचिरोली जिले के सूरजागढ से लोह अयस्क ढुलाई के अलावा जिले के कोल माईंस, सीमेंट उद्योग, पेपर मिल, एमआईडीसी परिसर के अनेक उद्योगों द्वारा कच्चा माल और तैयार माल भेजने के लिए विशालकाय वाहनों का उपयोग कर रहे है. जबकि सडकों की क्षमता उतनी नहीं है. इसकी वजह से सडकों पर गड्ढे हो जाने से दुर्घटनाओं का प्रमाण बढ रहा है. इसलिए इसकी उचित जांच की मांग नागरिक कर रहे है. उसी प्रकार रात के समय पर वाहनों के हेडलाईट सामने के वाहन चालक की आंखों में पर पडने से उसकी आंख चुंधिया जाने से दुर्घटना की संभावना होती है.

    इसलिए हेड लाईट के आधे उपरी हिस्से में काली फिल्म लगाए, सभी डिवाइडरों पर पौधारोपण, शराब पीकर वाहन चलाने वालों की जांच की जाये इसके लिए ट्रांसपोर्ट मालिकों को भी नोटिस जारी की कर अपने चालकों को नियंत्रण में रखने के निर्देश दे, कोयला तथा अन्य माल ढुलाई के समय पर तिरपाल का सही उपयोग, नये वाहनों पर तत्काल नंबर लिखने के आदेश दे, क्षमता से अधिक माल परिवहन करने वालों पर कार्रवाई और सडक किनारे अपने वाहनों को पार्क कर मार्ग में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग नागरिकों ने की है.

    ठेकेदार-अधिकारियों की मिलीभगत और दोष बरसात पर

    हाल की बरसात के दिनों में  जिले के अनेक सडकों की हालत बदतर हो गई है. इसकी वजह से वाहन चालकों को बडी मशक्कत करनी पड़ती है. किंतु अनेक स्थानों पर सडक निर्माण कंपनी और अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से सडक निर्माण की गुणवत्ता बेहतर नहीं होती है. ऐसे में हल्की बरसात होने पर ठेकेदार और अधिकारी बरसात पर दोष मढते है. जबकि सडक निर्माण उचित दर्जे का नहीं होता है. इसलिए ऐसे ठेकेदार और अधिकारियों की जांच की मांग भी नागरिकों ने की है.