सब्जियों के दामों में उछाल से बिगड़ा गृहणियों का बजट, तेल की नरमी के बावजदू कोई राहत नहीं

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    • गरीब और मध्यम वर्गीय पर सर्वाधिक असर

    ब्रम्हपुरी. मानव की मूलभूत आवश्यकता  रोटी , कपड़ा और मकान  है.  इसके बिना जीना नामुमकिन है. पर आज के आधुनिक जीवन में यह 3 चीजों के साथ साथ पेट्रोल और रसोई गैस भी आवश्यक हो गया है. दिन-ब-दिन इन सभी बढ़ते ईंधन के दामों ने आम आदमी को मुसीबत में ला दिया है. बढ़ी हुई कीमतों का सर्वाधिक असर गरीबों व मध्यम वर्ग पर पड़ रहा है. पेट्रोल, डीजल व गैस सिलेंडर के साथ ही सब्जियों  की बढ़ी कीमतों ने महिलाओं का बजट बिगाड़ दिया है.

     अब पूरा अनलॉक होने के कारण बाजारों में भीड़ बढ़ गई और बरसात का मौसम शुरू होने के कारण सब्जियों ने भी कीमतों में उछाल आई जिससे घर का बजट और भी बिगड़ गया. जिससे घरों में आर्थिक तंगी नजर और मानसिक परेशानियां बढ़ गई. जो घरेलू झगड़े का कारण बन गया आज किसी भी सिटी के में बाजार जाने पर सब्जियों के रेट बढ़कर 80 से 100 तक चले गए हर तरह के किचन में इस्तेमाल होने वाले सभी चीजों के रेट आसमान छू रहे, इसलिए मूल्यों को कम करने की मांग की जा रही है . 

     कोरोना का प्रकोप कम होते ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई और पूरी तरह अनलॉक की तरफ बढ़ रहे पर अनलॉक के बाद बाजारों में सभी प्रकार की दुकानों में भीड़ जमने लगी जिससे मार्केट की मांग से महंगाई बढ़ गई. 

     महंगाई की मार से बढ़ रहा तनाव 

    कोरोना संक्रमण और लाकडाउन ने महिलाओं की रसोई में तड़का लगा, कई लोगों के रोजगार छीन लिए हैं. जीने के लिए खाना जरूरी है और खाना पकाने के लिए लिए खाद्य तेल, सब्जियां और अनाज का का प्रयोग होता है. पर सभी चीजों के रेट बढ़ने के कारण कारण कई परिवार आर्थिक संकट में है. आज खाद्य तेल कुछ नरमी है उसका असर किचन में बाकी चीजों की वजह से नजर आ रहा. अब लोगों का बढ़ती महंगाई ने बजट गड़बड़ा दिया है . पिछले महीने मार झेलनी पड़ रही है.

    इसने लोगों के घर में खाद्य तेल की कीमतों ने जीवन को कठिन बना दिया है. बढती हुई कीमतों को देखते हुए कहा जा रहा है कि अब परिवार का बजट एकदम से दुगुना हो गया है. राजनीतिक दल चुनावी दौर में खोखले वादे करते हैं.  लेकिन बाद में आम आदमी को राम भरोसे छोड़ देते हैं. इसलिए से महंगाई कम करने की मांग लोगों ने की है.