हर घर पर लहरायेगा तिरंगा; स्वाधीनता के अमृत महोत्स्व के मौके पर आयोजन, जिलाधिकारी ने की समीक्षा

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    चंद्रपुर. भारतीय स्वाधीनता का अमृत महोत्सव वर्ष है. इस के तहत केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से अनेक उपक्रम चलाये जा रहे है. इस उपक्रम के एक भाग के रूप में 11 से 17 अगस्त 2022 की समयावधि में हर घर झंडा अभियान जिले में चलाया जा रहा है. इस बारे में शासन की ओर से मार्गदर्शक निर्देश प्राप्त हुए है जिलाधिकारी अजय गुल्हाने सोमवार को समीक्षा की.

    जिलाधिकारी कार्यालय में ली गई बैठक में प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्षा गौरकार, निवासी उपजिलाधिकारी विशालकुमार मेश्राम, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. राजकुमार गहलोत, पुलिस उपअधीक्षक गृह राधिका फडके, तहसीलदार यशवंत दैट, सभी उपविभागीय अधिकारी, सभी तहसील के तहसीलदार और मुख्य कार्यकारी अधिकारी उपस्थित थे.

    इस समय जिलाधिकारी अजय गुल्हाने ने कहा कि 20 जून 2022 के शासन निर्णय अनुसार स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के वर्ष के मौके पर जनता के मन में स्वाधीनता के संघर्ष की यादों को ताजा रखने, स्वाधीनता संग्राम में अज्ञात नायक, क्रांतिकारियों का साथ ही स्वाधीनता संग्राम की विभिन्न घटनाएं स्मरण में रहे, स्वाधीनता की चेतना कायम रहे एवं देश भक्ति की भावना जनमानस में कायम रहे इस उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है.

    स्वाधीनता के अमृत महोत्स्व के मौके पर हर घर ध्वज अभियान अंतर्गत जिले में लगभग पांच लाख परिवार के लिए ध्वज तैयार करने का नियोजन है. 11 से 17 अगस्त इस समयावधि में प्रत्येक शासकीय, अर्धशासकीय, निजी आस्थापना, सहकारी संस्था, शैक्षणिक संस्था ने इस इस इमारत पर जबकि नागरिकों ने स्वयं के घर पर स्वयं स्फूर्ति से राष्ट्रीय ध्वज लहराये.

    स्थानीय स्वराज्य संस्था, पुलिस यंत्रणा, स्कूल एवं महाविद्यालय, परिवहन, स्वास्थ्य केन्द्र, स्वस्त अनाज की दुकानें, सहकारी संस्था ऐसे सर्वसामान्य नागरिकों से जुडी यंत्रणा का उपयोग कर सभी उचित नियोजन करें ऐसा शासन आदेश में दर्ज किया है .नागरिक ने राष्ट्रध्वज स्वयंस्फूर्ति से लगाना है. इसके लिए ध्वजसंहिता के मार्गदर्शक सूचना का पालन करना आवश्यक रहेंगा. अज्ञानता में राष्ट्रध्वज का अपमान ना हो इसका सभी ध्यान रखे ऐसा आहवान जिलाधिकारी ने किया है.

    ऐसा रहेगा राष्ट्रध्वज

    केन्द्रीय गृह विभाग के 30 दिसंबर 2021  के अधिसूचना अनुसार भारतीय ध्वज संहिता 2002  भाग 1 में परिच्छेद 1.2 में राष्ट्रध्वज हाथों से बना हुआ, सूत, सिल्क, खादी के कपडे से बना होने के नियम में बदलाव कर राष्ट्रध्वज हाथों से बना हुआ या मशीन से तैयार किया गया सूत, पॉलिस्टर, लोकर, सिल्क, खादी के कपडे से बना होना चाहिए. ऐसा उल्लेख किया गया है.