क्यो ना हो एसटी महामंडल घाटे में जब ऐसे हो कर्मचारी, बस रहने के बाद भी यात्रियों को किया गुमराह

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    • एस.टी.कर्मी के व्यवहार से यात्री हुए हलाकान

    चंद्रपुर. पिछले लगभग छह माह से एस.टी. कर्मियों की हड़ताल शुरू है. इसके चलते एस.टी को प्रतिदिन लाखों का घाटा उठाना पड़ रहा है. साथ ही यात्रियों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड रही है. राज्य सरकार, परिवहन मंत्री, एसटी महामंडल के बारंबार आग्रह किए जाने के कारण कुछ कर्मी लौट आये और कुछ निजी कर्मियों के जरीये किसी भी तरह से एसटी बसेस शुरू कर यात्रियों को सुविधा देने और एसटी को घाटे से उबारने का प्रयास किया जा रहा है.

    परंतु कार्यरत ऐसे भी कर्मी है जो चाहते ही नहीं कि एसटी घाटे से उबरे और यात्रियों को सुविधा मिले. ऐसा ही एक प्रसंग रविवार की रात चंद्रपुर बस स्टैंड परिसर में देखने को मिला.

    वर्तमान में जितनी भी बसेस चल रही है उसका समय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का ही है.शाम होने के बाद बसेस का परिचालन बंद हो जाता है. ऐसे में शात 7 बजे भी बस स्टैंड बस की आशा में आये व्यक्ति को निराशा हाथ लगती है. परंतु पिछले कुछ दिनों में हड़ताली कर्मियों में से कुछ कर्मी लौट आने के कारण एक दो बसेस यहां बस स्टैंड में राजुरा, अहेरी से होकर नागपुर की ओर जाने के लिए साथ ही नागपुर से राजुरा की ओर जाने के लिए उपलब्ध हो रही है.

    रविवार की रात 7 से 8 बजे के बीच इन्हीं बसों की तलाश में आये यात्रियों को चंद्रपुर बस स्टैंड के पूछताछ केन्द्र में बैठी महिला एसटी कर्मी के कारण हलाकान होना पड़ा. उनसे जो भी यात्री बस के बारे में पूछने आता था उनका यही उत्तर होता था कि अब बस नहीं है.

    कुछ देर में तेलंगाना बस आयी जिसमें बल्लारशाह, राजुरा की ओर जानेवाले यात्री रवाना हो गए. जिसका किराया रापनि की बसों से अधिक है. कुछ यात्रियों ने निजी वाहनों का सहारा लिया. संबंधित एसटी कर्मी लगभग एक से डेढ घंटे के बीच सभी को यही उत्तर देती रही कि अब कोई बस नहीं है. परंतु आश्चर्य तब हुआ कि ना केवल राजुरा से नागपुर के लिए बस लगभग 8.15 पर पहुंची और इसके 15 मिनट बाद नागपुर से राजुरा के लिए भी बस आयी.

     दोनों ही दिशा की ओर जानेवाले बसेस रहने के बाद पूछताछ केन्द्र में डयूटी निभा रही एसटी बस कर्मी का बसेस ना होने का जवाब देना यात्रियों के लिए भी हैरत मे डालने वाला था. वे यात्रियों को गुमराह कर किसे फायदा पहुंचाना चाहती थी इसका जवाब वे कर्मी ही दे सकती है. अधिकांश यात्री यह कहते हुए पाये गए कि ऐसे कर्मियों के रहते निश्चित ही एसटी घाटे में रहेगी. बस ना होने का कारण बताये जाने के लिए एक गर्भवती महिला को आटो में असुरक्षित यात्रा करनी पडी.

    शाम होते ही छा जाता है सन्नाटा

    चंद्रपुर एसटी बस स्टैंड में सुबह से लेकर शाम सूरज ढलने तक गहमागहमी रहती है ऐसा नजारा रहता है. परंतु 7 बजे के बाद पूरी तरह से सन्नाटा छा जाता है. पूछताछ केन्द्र में बैठे एसटी कर्मियों को तक पता नहीं होता है कि अब और कौनसी बस आयेगी. 8 बजे के बाद बस स्टैड में सुरक्षा रक्षकों के अलावा कोई नजर नहीं आता है. ऐसे में आफिस से देर से छुटने वाले नौकरी पेशा यात्रियों, दिव्यांग यात्रियों और अन्य यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.