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जरांगे और क्षीरसागर पर भी भड़के छगन भुजबल 
नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: हिंगोली के रामलीला मैदान में आयोजित ओबीसी समुदाय की एल्गार रैली में रसद मंत्री छगन भुजबल ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए मराठा आरक्षण के लिए गठित की गई पूर्व न्यायाधीश-शिंदे समिति को बर्खास्त करने और जारी किए गए फर्जी कुनबी प्रमाण पत्रों को तत्काल रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम मराठा समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन हम उस झुंड शाही का विरोध करते हैं जो जाल बिछा रहे हैं। अकेले मराठा समुदाय का सर्वेक्षण न करके सभी समुदायों का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से मनोज जरांगे पाटिल, विधायक संदीप क्षीरसागर और रोहित पवार पर भी निशाना साधा। 
 

भुजबल ने की ओबीसी बंधुओं से एकजुट होने की अपील 
भुजबल ने कहा कि जान की परवाह किए बिना कई आंदोलन किए जा चुके हैं और हमें आगे के आंदोलन की चिंता नहीं है। आपने 17 बैठकें कीं, हमने केवल एक बैठक की. हमने अपना दुख व्यक्त करते हुए कोई आगजनी या पथराव नहीं किया। लेकिन आपने कई घर जला दिए और पथराव किया। पिछले दो महीने से मुझे और मेरे परिवार को गालियां दी जा रही है। हमें कोई परवाह नहीं, हम ओबीसी के न्याय अधिकार के लिए लड़ते रहेंगे। उन्होंने ओबीसी बंधुओं से कहा कि हम सभी को आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर ओबीसी समाज की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। इसके लिए ओबीसी बंधु एकजुट होकर गांवों में बैठकें करें और बिना किसी का इंतजार किए मिलकर ओबीसी की आवाज़ उठाएं। 

 

न दिखाओ हमें औकात
भुजबल ने मनोज जरांगे पाटील को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी औकात दिखाते हो। याद रखो, छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य के लिए लड़ने वाला प्रत्येक बहुजन मावला था।  उन मावलों ने शिवराय के लिए लड़ाई लड़ी। गौरतलब हो कि जरांगे पाटिल ने कहा था कि 70 वर्ष पहले आरक्षण मिल गया होता तो मराठा युवाओं के बुद्धिमान होने के बावजूद भी सरकारी नौकरियों में अयोग्य लोगों के हाथ के नीचे काम नहीं करना पड़ता। 

गांव बंदी का बोर्ड लगाने वालों पर हो कार्रवाई
भुजबल ने कहा कि भारत के संविधान ने सभी को देश में कहीं भी आने-जाने का अधिकार दिया है। बोलने का अधिकार और स्वतंत्रता दी गई है। इस वजह से किसी को भी गांव से बाहर नहीं निकाला जा सकता। ग्रामबंदी करने पर एक महीने की सजा का प्रावधान है। गांव में प्रतिबंध का बोर्ड लगाने वालों को एक महीने की सजा दो। पूरे प्रदेश में जहां गांव बंदी के बोर्ड लगे हैं, उन्हें हटाएं। भुजबल ने अपनी ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पुलिस को संविधान के मुताबिक काम करना चाहिए। 

कराओ जातीय जनगणना
भुजबल ने कहा कि राहुल गांधी देश में जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं। अन्य पार्टियों की ओर से भी ये मांग सामने आ रही है। जातीय जनगणना कराएं और ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ हो जाने दीजिए। अगर बिहार ऐसा कर सकता है तो महाराष्ट्र ऐसा क्यों नहीं कर सकता? जनगणना में जो भी सामने आएगा हम उसे स्वीकार करने को तैयार हैं। सभी जातियों का सर्वेक्षण कर उनके पिछड़ेपन का पता लगाने की जरूरत है। तभी सभी को न्याय मिलेगा। 
 
बड़ी संख्या में ओबीसी नेताओं का जमावड़ा
इस रैली में सांसद रामदास तडस, ओबीसी जनमोर्चा के नेता व पूर्व विधायक प्रकाश शेंडगे, पूर्व मंत्री महादेव जानकर, ओबीसी महासंघ के डॉ. बबनराव तायवाडे, विधायक राजेश राठौड़, विधायक डॉ. प्रज्ञा सातव सहित अन्य नेता और बड़ी संख्या ओबीसी समुदाय के लोग शामिल थे।