मुंबई: महाराष्ट्र में खुफिया विभाग की पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla, ) को राहत देते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने कथित फोन टैपिंग मामले (Phone Tapping Case) में उनके खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकी शुक्रवार को रद्द कर दी।
देवेन्द्र फडणवीस जब राज्य के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त विपक्ष के नेताओं की कथित रूप से अवैध तरीके से फोन टैप करने के सिलसिले में शुक्ला के खिलाफ पुणे और दक्षिण मुंबई के कोलाबा में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दोनों प्राथमिकी उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के कार्यकाल में दर्ज की गई थी।
शुक्ला के वकील महेश जेठमलानी ने शुक्रवार को अदालत को सूचित किया कि पुणे में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में पुलिस ने ‘सी-समरी रिपोर्ट’ (मामला न ही सही है और ना ही गलत) सौंपी थी और मामला बंद करने की अनुमति मांगी थी। वहीं, मुंबई मामले में सरकार ने शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने इसे स्वीकार करते हुए दोनों प्राथमिकी रद्द कर दी। पुणे में दर्ज मामला कथित तौर पर कांग्रेस नेता नाना पटोले के फोन कॉल रिकॉर्ड करने से जुड़ा था, जबकि मुंबई का मामला शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एकनाथ खडसे की फोन टैपिंग से जुड़ा था। खडसे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में थे। (एजेंसी)