Financial fraud in Sanskar Bank

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कुरखेडा. कुरखेडा में मुख्यालय होनेवाले संस्कार क्रेडीट कॉपरेटिव्ह सोसायटी के कोरची शाखा में बडे पैमाने पर वित्तीय अनियमितता कर संस्था चालक मनीष फाये ने कर्मचारियों को मारपिट करते हुए जबरन कोरे कागज पर हस्ताक्षर लेकर कर्ज देने का झुठा मामला तैयार कर पतसंस्था में वित्तीय अनियमितता की है. बैंक में हुई अनियमितता कर्मचारियों के माथे मारने का प्रकार किया जा रहा है, ऐसा आरोप आज कुरखेडा में आयोजित पत्रपरिषद में शुभम परिहर व मुनेश्वर पारधी तथा उनके परिजनों ने लगाया है. 

शुभम परिहार व मुनेश पारधी यह दोनों युवक संस्कार क्रेडिट को-ऑपरेटिव्ह सोसायटी कुरखेडा में कर्मचारी के तौर पर कार्यरत थे. संस्था की कोरची में शाखा स्थापन होने के बाद वर्ष 2018 से वे कोरची के शाखा में प्रबंधक व कैशियर इस पद पर काम देखते थे. बैंक में नोकरी के साथ ही यह दोनों यहां एजंट का भी काम संभालते थे. शुभम परिहार यह अपने मां के नाम पर एजन्सी चलाता था तथा मुनेश्वर पारधी यह अपने भाई लोमेश पारधी के नाम पर आर डी एजंट के रूप में काम देखता था.

इस दौरान बडे पैमाने पर बैंक में लोगो की आरडी शुरू कर बैंक को वित्तीय सहयोग करने का कार्य करने की बात उन्होने पत्रपरिषद में कहीं. बैंक के वित्तीय लाभ के साथ ही हमने लोगो को बैंक के साथ जोडने का कार्य किया. इस दौरान बैंक के वित्तीय व्यवहार में कुछ फर्क दिखाई देने से संस्था के संचालक मनीष फाये ने बैंक के कुरखेडा के मुख्यालय में बुलाकर हमें धमकाते हुए मारपिट कर इन पैसों की हेराफेरी करने का झुठा आरोप लगाकर कोरे कागज पर हमारे हस्ताक्षर लेकर कोरे विड्रॉल फॉर्म पर हमारे हस्ताक्षर लिए.

हमारे नाम पर बैंक से कर्ज दिखाकर उक्त पैसों की हेराफेरी की, और अब हमें कर्ज की पैसे भरने के लिए दबाव डाल रहे है. हमने किसी तरह के कर्ज नहीं लिया है. हमारे नाम पर कर्जत छोडकर बैंक में हुई हेराफेरी यह हमारे नाम पर दिखाने का प्रयास बैंक संचालक द्वारा किया जा रहा है, ऐसा आरोप शुभम परिवार व मुनेश्वर पारधी ने किया है.

उक्त मामले की उचित जांच कर बैंक में हुए वित्तीय घोटाले के लिए जिम्मेदार होनेवाले संस्था चालक पर कडी कार्रवाई करे, ऐसी मांग उन्होने पत्रपरिषद में की है. साथ ही संस्कार बैंक के संचालक द्वारा हमारे जान को खतरा है, हमने इस संदर्भ में पुलिस थाना कुरखेडा व कोरची में लिखित शिकायत दर्ज करने की जानकारी उन्होने पत्रपरिषद में दी. पत्रपरिषद में शुभम परिहार, प्रभा परिहार, मुनेश्वर पारधी, लोमेश पारधी, वेद राठोड आदि उपस्थित थे. 

सभी आरोप झुठे- फाये

इस मामले में संस्था का पक्ष जानने के लिए संस्था के संस्थापक मनीष फाये से संपर्क करने पर उन्होने सभी आरोपो को नकारा. उन्होने कहां कि, संस्कार क्रेडिट को-ऑपरेटिव्ह संस्था में कोई भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. सभी आरोप झुठे है. उठाएं गए कर्ज की वापसी न करते हुए कर्ज को डूबाने के उद्देश से संस्था की बदनामी करने का यह प्रकार है. इस मामले की जांच शुरू है. जल्द ही हम भी संस्था की ओर से अपना पक्ष रखेंगे. दोषियों पर कार्रवाई करेंगे, ऐसी बात उन्होने कहीं है.