Maharashtra government should take decision on the lines of Gujarat government, remove liquor ban in Gadchiroli district

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  • महाराष्ट्र ट्रायबल अन्ड बैकवर्ड पीपल्स कृति समिति ने भिजवाया मुख्यमंत्री को ज्ञापन 

गडचिरोली. औद्योगिक विकास के लिये गुजरात सरकरा ने गुजरात के गिफ्ट सीटी की शराबबंदी हटाई है. विशेषत: गुजरात यह महात्मा गांधी की जन्मभुमि होने से शुरूआत से ही संपूर्ण राज्य में शराबबंदी थी. लेकिन वर्तमान स्थिति में वहां पर औद्योगिक विकास के लिये सरकार को शराबबंदी कानून हटाने का निर्णय लेना पडा.

सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय का चहुओर स्वागत किया जा रहा है. जिससे गुजरात सरकार की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार भी गडचिरोली जिले की शराबबंदी हटाकर इस जिले में औद्योगिक विकास का मार्ग खुला करें, ऐसी मांग महाराष्ट्र ट्रायबल अंन्ड बैकवर्ड पीपल्स समिति के डा. प्रमोद सालवे, एड. संजय गुरू, पुरूषोत्तम भागडकर, गुरूदेव शेडमाके, स्वप्नील पवार ने राज्य के  मुख्यमंत्री को भिजवाये ज्ञापन में की है. 

बता दे कि गडचिरोली जिले में औद्योगिक विकास होते दिखाई दे रहा है. सुराजागड के बाद इस जिले में औद्योगिक क्षेत्र में टाटा, जिंदल जैसे उत्सुक होकर आंतरराष्ट्रीय हितसंबंध और औद्योगिक मामलों में आवागमन बढ रहा है. यहां का  सामाजिक जीवन सुधारने और युवाओं को आकर्षित करने  के लिये शराबबंदी हटाकर आंतरराष्ट्रीय औद्योगिक विकास में गडचिरोली जिले को शामिल करने के लिये सरकार गुजरात सरकार की तर्ज पर गडचिरोली जिले की शराबबंदी हटाए. गडचिरोली जिले की शराबबंदी हटने पर गडचिरोली जिले में आंतरराष्ट्रीय कंपनियां पहुंच पाएगी. क्योंकि गडचिरोली जिले की वनसंपदा और खनीज संपदा को सभी को आकर्षित करनेवाली है.

क्या वाकई जिले में शराबबंदी है?

गडचिरोली जिले में शराबबंदी के चलते क्या लाभ हुआ है, इस पर संशोधन करने की आवश्यकता है. जिले के प्रत्येक गांवों में शराब बिक्री शुरू है. फिर जिले में शराबबंदी कहा है. जो लोग शराबबंदी न हटाने की बात कहते है, उन्हीं के गांवों में खुलेआम शराब बिक्री शुरू है. विशेषत: शराबबंदी के चलते अनेक लोगों को अवैध शराब की लत लगकर जहरिली शराब पिने के कारण लोगों की मृत्यु होने की घटना जिले में घटी है. वहीं सामाजिक वातावरण दूषित होकर स्कूली छात्रों को भी लत लग रही है. जिससे क्या वाकई जिले में शराबबंदी है? ऐसा सवाल कृति समिति ने उपस्थित किया है.

शराबबंदी मुहिम चलाना एक षडयंत्र

समिति के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में कहां कि, गडचिरोली जिले में शराबबंदी कानून लागु होते हुए भी जिले में नशामुक्त प्रकल्प यह हास्यस्पद होकर पैंसे लाटने के लिये शराबंदी यह एक षडयंत्र है. शराबबंदी के चलते ही युवा अवैध शराब बिक्री के व्यवसाय में घुसकर उनके खिलाफ अनेक मामले दर्ज है. ऐसे में उनका भविष्य उदवस्त करने का भी एक षडयंत्र है. यहां के युवाओं को जहरिली शराब की लत लगाने के लिये कोई आंतरराष्ट्रीय शक्ती कार्यरत है क्या? इसकी जांच करने की आवश्यकता है.

यदि ऐसा है तो, गंभीर अपराध होकर कार्रवाई करना बेहद आवश्यक है. जिले की स्थिति को देखते हुए गडचिरोली जिले में औद्योगिक विकास के लिये आंतरराष्ट्रीय उद्योजक और कंपनियों को यहां पर आने के लिये प्रोत्साहित करने के लिये  और गडचिरोली जिले का वित्तीय विकास करने के लिये गुजरात सरकार की तरह महाराष्ट्र सरकार भी गडचिरोली जिले की शराबबंदी तत्काल हटाए, ऐसी मांग की गई है.