ZP School Gadchiroli

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गडचिरोली. गडचिरोली पंचायत अंतर्गत आनेवाले जल्लेर की जिला परिषद स्कूल की इमारत की हालत इन दिनों पुरी तरह विकट हो गयी है. जिसके कारण इस स्कूल में शिक्षा लेनेवाले छात्रों पर खतरा मंडराते हुए नजर आ रहा है. विशेषत: उक्त स्कूल की इमारत करीब 30 वर्ष पुरानी होकर इमारत की स्लैब और दिवारों पर दरारे निर्माण होने के कारण छात्रों के सुरक्षा का प्रश्न निर्माण हो गया है. लेकिन इस मामले की ओर पंचायत समिती प्रशासन द्वारा अनदेखी किये जाने से अभिभावकों में तीव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है. 

गडचिरोली तहसील के जल्लेर स्थित जिप स्कूल में कक्षा पहली से लेकर कक्षा चौथीं के लिये केवल एक ही इमारत है. इसमें से एक कमरे में कक्षा ली जाती है. लेकिन उक्त इमारत पुरी तरह जर्जर होने के कारण छात्रों को अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा लेनी पड रही है. वहीं जल्लेर गांव की जनसंख्या महज 210 है. वहीं स्कूल के चार कक्षाओं में कुल 18 छात्र शिक्षा ले रहे है.

विशेषत: यहां पर चार कक्षाओं को पढाने के लिये केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है. जिसके कारण छात्रों को पढने के लिये शिक्षक को काफी मशक्कत करनी पड रही है. वहीं स्कूल की इमारत काफी पुरानी होने के कारण इस स्कूल के छात्रों पर मौत मंडराते हुए नजर आ रही है. किंतु संबंधित विभाग इस ओर अनदेखी करने से जिवितहानि होने की गंभीर संभावना भी जताई जा रही है. 

स्कूल में नहीं सुरक्षा दिवार

सरकार द्वारा छात्रों को सुरक्षित वातावरण में शिक्षा देने की बात कही जा रही है.लेकिन दुसरी ओर जल्लेर यह गांव पुरी तरह जंगल से घिरा होने के बाद भी स्कूल में सुरक्षा दिवार का निर्माण नहीं किया गया है. स्कूल को सुरक्षा दिवार नहीं होने के कारण मवेशियों का डेरा लगा रहता है. वहीं दुर्घटना होने की संभावना के साथ ही छात्रों की सुरक्षा का प्रश्न निर्माण हो गया है. जिससे स्कूल के लिये नई इमारत का निर्माण, सुरक्षा दिवार का निर्माण समेत क्रिडा मैदान का निर्माण करने की मांग ग्रामीणों ने की है. 

विभाग का कराया ध्यानाकर्षण, फिर भी अनदेखी

जल्लेर जिप स्कूल की इमारत पुरी तरह जर्जर हो गयी है. वहीं सुरक्षा दिवार नहीं होने के साथ ही स्वच्छता गृह की हालत भी काफी विकट है. इस मामले में ग्रापं और शाला प्रबंधन समिति द्वारा संबंधित विभाग का अनेक बार ध्यानाकर्षण कराया गया. लेकिन अब तक किसी भी तरह की उपाययोजना नहीं की गई है. जिसके कारण छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है.

प्रशांत मट्टामी (अध्यक्ष शाला प्रबंधन समिती, जल्लेर)