jail
प्रतीकात्मक तस्वीर

    Loading

    गोंदिया. महाविकास आघाड़ी सरकार से एकनाथ शिंदे सहित अनेक विधायकों की बगावत के बाद राज्य में भारी उथल पुथल व राजनीतिक संकट व्याप्त हो गया है और विभिन्न स्थानों में शिवसेना सुप्रीमो उध्दव ठाकरे के प्रति निष्ठा प्रदर्शित करने शिवसैनिक आक्रामक बने हुए है. यहां  शिवसैनिकों ने 27 जून को दिनदहाड़े निर्दलीय व भाजपा समर्थक विधायक विनोद अग्रवाल की किसी टिप्पणी से आहत होकर उनके जनसंपर्क कार्यालय में हंगामा मचाया.  इस घटना को अंजाम देने वाले शिवसैनिकों के चेहरे सीसीटीवी केमरे में कैद हो गए थे. इस घटना से कुछ समय के लिए तनाव का वातावरण निर्मित हो गया था.

    इस घटना की जानकारी मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे, जिला अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक बबन आव्हाड़, शहर पुलिस स्टेशन के थानेदार चंद्रकांत सूर्यवंशी, जिला यातायात नियंत्रण कक्ष के पुलिस निरीक्षक दिनेश तायडे सहित अनेक अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए थे. इस घटना के बाद जिला पुलिस अधीक्षक पानसरे ने विधायक अग्रवाल के जनसंपर्क कार्यालय व निवास की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. पुलिस मुख्यालय कारंजा से आरसीबी की एक टीम को तैनात किया गया है. इसी तरह घटना में लिप्त 6 आरोपियों को 3 घंटे में गिरफ्तार कर लिया गया. सहायक पुलिस निरीक्षक होंडे  ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 28 जून को मुख्य न्याय दंडाधिकारी ए.वी.कुलकर्णी के समक्ष पेश किया.

    पुलिस ने आरोपियों की 6 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की. लेकिन न्यायालय में आरोपियों की ओर से उपस्थित हुए एड.निजाम शेख, एड.राजेश भाजीपाले व एड.मोबिन शेख ने पुलिस हिरासत का विरोध किया. सरकार का पक्ष एड.रामटेके ने रखा. इसके बाद न्यायधीश कुलकर्णी ने 30 जून तक पुलिस हिरासत दी है. न्यायालय में आरोपियों को बुरखा पहनाकर लाया गया था. इनमें बाराखोली सिंधी कालोनी निवासी शाहरूख फिरोज पठान, यादव चौक निवासी अमन उर्फ सोनु मुन्ना मोरे, बब्बा भवन श्रीनगर निवासी सुमित उर्फ बाबल्या गौतम बोरकर, यादव चौक निवासी रोहित रघुनाथ आकरे, शास्त्री वार्ड निवासी वसीम जलील शेख मालाधारी व देशबंधु वार्ड निवासी मुकेश उर्फ चिंटू भोलाराम अगडे का समावेश है. 

    विधायकों की सुरक्षा बढ़ी

    ऐसे घटनाक्रम के चलते भाजपा नेताओं की सुरक्षा का मुद‍्दा तेज हो गया है क्योंकि शिवसैनिक सेना के बागी विधायक व भाजपा के नेताओं को लगातार निशाना बना रहे हैं. जिससे राज्य के पुलिस महासंचालक ने राज्य में अलर्ट घोषित किया है. लेकिन निर्दलीय विधायक अग्रवाल के कार्यालय में तोडफोड़ होने का अंदेशा पुलिस को नहीं था. फिर भी कार्यालय में शहर पुलिस स्टेशन के 2 पुलिस कांस्टेबल तैनात किए गए थे. इसके बावजूद विधायक अग्रवाल की टिप्पणी से आहत होकर शिवसेना अल्पसंख्याक विभाग प्रमुख शाहरूख पठान के नेतृत्व में मोटर साइकिल पर सवार होकर आए शिवसैनिकों ने अग्रवाल के जनसंपर्क कार्यालय में लाठियों के साथ हंगामा मचाया.

    इस घटना के बाद पुलिस महकमा सतर्क हो गया है. पुलिस अधीक्षक पानसरे ने भाजपा के वर्तमान व पूर्व विधायकों को सुरक्षा मुहैया करा दी है. इस संबंध में जिला विशेष शाखा के पुलिस निरीक्षक धारबड़े ने बताया कि सभी संबंधित पुलिस स्टेशन के थानेदारों को विधायकों के निवास व कार्यालय पर सुरक्षा कर्मी तैनात करने के निर्देश दिए है. यह उल्लेखनीय है कि जिले के चार विधायक इस समय राजनीतिक संकट के चलते मुंबई में हैं. उनमें विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे (राकांपा), विधायक विजय रहांगडाले (भाजपा), विधायक सहषराम कोरोटे (कांग्रेस) व विधायक विनोद अग्रवाल (निर्दलीय) का समावेश है.

    इस घटना से कार्यकर्ताओं में रोष

    विधायक अग्रवाल के चाबी संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं में भारी रोष व्याप्त है. पूर्व उपनगराध्यक्ष शिव एस.शर्मा, पूर्व सभापति घनश्याम पानतावने, पूर्व पार्षद धर्मेश अग्रवाल व विवेक मिश्रा, पूर्व नगराध्यक्ष कशिश जायसवाल, पंस सभापति मुनेश रहांगडाले, देवेश मिश्रा, कुशल अग्रवाल, अनिल हुद्दानी, समीर आरेकर, अहमद मनीयार, हंसु वासनिक, मोनया नागदवने, महेश अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, किशोर कटरे सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इस घटना का निषेध व्यक्त किया है. इस प्रकरण की जांच शहर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक चंद्रकांत सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक होंडे कर रहे हैं.