Lumpy
File Pic

    Loading

    गोंदिया. जिले की सड़क अर्जुनी सहित तहसील के वडेगांव-तिडका व केसलवाडा इन 4 गांवों में लम्पी चर्मरोग का संक्रमण होने से इस प्रभावित क्षेत्र में 5 किमी के दायरे वाले गांवों को सतर्कता क्षेत्र के रुप में घोषित किया गया है. लम्पी बीमारी से ग्रस्त 8 मवेशियों का समावेश हैं. जिसमें सड़क अर्जुनी स्थित 4, वडेगांव 2, तिडका व केसलवाडा में क्रमश: 1 का समावेश है.

    इस बीमारी के नियंत्रण के लिए पुणे स्थित पशु संवर्धन आयुक्त ने प्राणियों में संक्रमण व रोग प्रतिबंध व नियंत्रण अधिनियम 2009 के अनुसार लम्पी रोग के लक्षण पाए जाते ही संक्रमण रोग प्रभाव घोषित करें, पशुवैद्यकीय सक्षम होने से तत्काल ईडीआर कर रोग नियंत्रण के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.  लम्पी चर्मरोग के प्रभाव ग्रस्त क्षेत्र वाला सड़क अर्जुनी यह गांव प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है. इतना ही नहीं बीमार जानवरों को क्वारंटाईन कर चारे पानी की स्वतंत्र व्यवस्था संबधित पशुपालक व ग्रापं के माध्यम से करने के निर्देश भी दिए गए हैं. 

    11 गांव सतर्कता जोन घोषित 

    संभावित प्रभाव ग्रस्त गांव सड़क अर्जुनी से 5 किमी वाले परिसर के  सड़क अर्जुनी तहसील में सावंगी, ब्राम्हणी, कोदामेडी, वडेगाव, केसलवाडा, बौध्द नगर, फुले नगर, कोहमारा, डुग्गीपार, तिडका व पांढरवानी इन गांवों को सतर्कता क्षेत्र के रुप में घोषित किया गया है. 

    जानवरों के प्रवेश पर प्रतिबंध 

    सड़क अर्जुनी, तिडका, वडेगाव और केसलवाडा स्थित संबंधित गांवों के जानवरों का अन्य किसी भी निरोगी क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है. प्रभावित जानवरों के संपर्क मे आने वाले किसी भी प्रकार के प्राणियों के निवास वाले गांव में घास या अन्य सामग्री ऐसे प्राणियों के शव, चमडी आदि का यातायात करने मनाई की गई है. इसी तरह इन गांवों में प्रभावित जानवरों को छोडकर अन्य मवेशियों को गोट पॉक्स इस टीके से प्रतिबंधात्मक टीकाकरण तत्कार करें. ऐसे निर्देश जिलाधीश नयना गुंडे ने दिए है. 

    सप्ताह में एक बार छिडकाव 

    लम्पी चर्मरोग का प्रभाव व प्रसार न हो. इसके लिए प्रतिबंधात्मक उपाय योजना अंतर्गत सभी नगर परिषद, ग्राम पंचायतों न जौक, गोमाशा निर्मूलन के लिए दवाईयों की खरीदी कर पशु संवर्धन विभाग के अधिकारी – कर्मचारियों के समन्वयन से भी गोठों में और जानवरों पर सप्ताह में एक बार बारी- बारी से छिडकाव करने के आदेश दिए गए है. इसी क्रम में नागरिक व किसान पशुपालकों की जन जागृति करने के लिए इस रोग के लक्षण की जानकारी देने सप्ताह में 2 बार व्यापक मुनादी के आदेश है.