आमगांव: तहसील के किसानों को रबी फसल के लिए वर्तमान में पानी की बहुत अधिक आवश्यकता है लेकिन एन समय पर विद्युत विभाग द्वारा किसानों के कृषि पंप का कनेक्शन काट देने से किसान संकट में फंस गए हैं। किसानों के कृषि पंप के विद्युत बिल में अनाप शनाप विद्युत का उपयोग बताते हुए भारी भरकम बिल किसानों को भेजे गए हैं। इस तरह विभाग किसानों की लूट कर रहा हैं। ऐसा आरोप लगाते हुए तहसील के कुछ गांव के किसानों ने विद्युत विभाग कार्यालय पहुंचकर कृषि पंपों के कनेक्शन पुन: शुरू कराए जाने की मांग की।
किसानों की तरफ विद्युत बिल की बकाया राशि को लेकर विभाग द्वारा कृषि पंपों के विद्युत कनेक्शन काटे जाने का सिलसिला चल रहा है। कुछ स्थानों पर ट्रांसफार्मर भी बंद किए गए है। जबकि किसानों को भेजे गए बिल में चालु रिडींग दर्शाई नहीं गई है। अंदाजित यूनिट दिखाकर मनमानी ढंग से बिल भेजा जा रहा है। जामखारी के किसान के अनुसार उनके एक एकड़ खेती में लगे कृषि पंप का तीन माह का बिल 20 हजार रु. आया है।
जबकि उनके खेत का प्रति एकड़ उत्पादन 20 हजार भी नहीं है। ऐसे में वे 20 हजार का विद्युत बिल कैसे भरें ऐसा प्रश्न उनके समक्ष खड़ा हो गया है। जामखारी व जवरी के किसानों के बिल में चालु रिडींग उपलब्ध नहीं होने पर भी कुल उपयोग 4515 यूनिट दर्शाया गया। ऐसे अनेक किसानों की समस्याएं बिल को लेकर खड़ी है। विभाग में पहुंचे जामखारी, फुक्कीमेटा, गोरठा, जवरी के किसानों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता रामेश्वर शामकुवर व महेश उके भी उपस्थित थे।