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    गोंदिया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने गोंदिया जिले के एक पेट्रोल पंप मालिक से एक लाख रु. की रिश्वत लेते हुए इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के चीफ मैनेजर मनीष नांदले को नागपुर में गिरफ्तार किया, वहीं दूसरी तरफ अन्य मामले में भी एक पेट्रोल पंप मालिक से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए आईओसीएल के सेल्स ऑफिसर सुनील गोलर को गोंदिया में गिरफ्तार किया गया. 

    विशेष कोर्ट में पेशी

    सूत्रों के अनुसार जिले के गोरेगांव स्थित मे. साई सहारा सर्वो केएसके पेट्रोल पंप के संचालक आकाश चौधरी ने किसी अन्य से पेट्रोल पंप लिया था. पंप की मालकियत ट्रांसफर करने के लिए दस्तावेज नागपुर स्थित आईओसीएल कार्यालय में पहुंचे थे. इसे आईओसीएल के जनरल मैनेजर एन.पी. रोडगे देख रहे थे. रोडगे के कहने पर चीफ मैनेजर मनीष नांदले ने एक लाख रु. की रिश्वत मांगी.

    इस बीच प्रकरण की शिकायत सीबीआई नागपुर के पास पहुंची सीबीआई ने जाल बिछाया और मनीष को एक लाख रु. की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के घर व दफ्तर की तलाशी जारी है. कार्रवाई की भनक लगते ही जनरल मैनेजर फरार हो गया है. सीबीआई ने रोडगे के घर पर दबिश दी  लेकिन वह हाथ नहीं लगा. घर की तलाशी ली गई. सीबीआई ने शनिवार को मनीष नांदले को विशेष कोर्ट में पेश किया.

    शहर का प्रकरण

    अन्य मामले में सीबीआई सूत्रों के अनुसार गोंदिया में पदस्थ आईओसीएल के सेल्स ऑफिसर सुनील गोलर ने गोंदिया जिले के खाड़ीपार स्थित मीरा पेट्रोल पंप के मालिक से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नियमित व समय पर करने के बदले में एक लाख रु. की रिश्वत मांगी. उसके बाद पेट्रोल पंप के मालिक ने सीबीआई से शिकायत की, जिसके बाद कार्रवाई कर सीबीआई ने गोंदिया में सेल्स ऑफिसर को एक लाख रु. की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया.

    आरोपी के गोंदिया स्थित दफ्तर व घर की तलाश ली. आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया. तलाशी के दौरान संपत्ति के दस्तावेज मिलने की खबर है. सीबीआय ने 26 मार्च को आरोपी सुनील गोलर को जिला अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश शरद पराते के समक्ष पेश किया जहां उसे 3 दिन की 28 मार्च तक पुलिस हिरासत दी गई.

    इस समय न्यायालय में सीबीआय नागपुर के एड. मंजीतसिंग व आरोपी की ओर से एड. निजाम शेख, एड. विवेक बारापात्रे, एड. राजेश भाजीपाले व एड. तोलानी उपस्थित हुए. उन्होंने पुलिस हिरासत का विरोध किया. सीबीआय ने आरोपी की 30 मार्च तक  कस्टडी मांगी थी. न्यायालय में सीबीआय के जांच अधिकारी आर.पी.सिंग व सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस एम.एस.खान सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे. सीबीआई के वरिष्ठ अधीक्षक एम. एस. खान के मार्गदर्शन में जांच जारी हैं.