Crop insurance scheme will also be voluntary for debtor tenants
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  • बैंक खातों में जल्द से जल्द राशि जमा करने की मांग

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गोरेगांव. तीन महीनों से लॉक डाऊन की मार झेल रहे तहसील के किसान इन दिनों रब्बी की धान फसलों की राशि का भुगतान बैंक खातों में जमा नहीं होने में विलंबता के कारण क्षेत्र का किसान आर्थिक संकट में है. इसमें दुर्भाग्य से पिछले छे महीनों से खरीफ फसलों के बोनस की राशि भी यहां के अनेक किसानों के बैंक खातों में जमा नहीं हूई है जिस कारण किसान परेशान चिंता में है.

जानकारी के अनुसार तहसील के हजारों किसानों ने अपनी रब्बी की धान की फसलें आधारभूत कीमत अनुसार धान खरीदी केंद्रों पर लगभग दो महीने पूर्व वक्रिी की  परंतु इन फसलों के भुगतान की राशि इन किसानों के बैंक खातों में अब तक जमा नहीं हुई है उसी तरह पिछली खरीफ फसलों के बोनस की राशि भी छे महीनों से अनेक किसानों के बैंक खातों में अब तक जमा नहीं हो पाई जबकि इस वर्ष मानसून का पदार्पण समय के पूर्व हुआ है जिसके चलते क्षेत्र के किसानों को खेती में लगने वाली सामग्री खाद, कृषि सामग्री, कीटनाशक दवाइयां जैस सामग्रियों की खरीदी के लिए पैसों की शक्त आवश्यकता है परंतु प्रशासन द्वारा  समय पर किसानों के बैंक खातों में राशि जमा नहीं होने से किसान आर्थिक संकट में है. 

इस बीच केंद्र सरकार द्वारा धान की फसलों को प्रति क्विंटल 1815 रु. देने का जाहिर किया गया है उसी तरह राज्य सरकार द्वारा नागपुर अधिवेशन में 500 रु. प्रति क्विंटल बोनस देने की बात कही गई थी साथ ही 200 रु. प्रति क्विंटल सानुग्रह अनुदान की घोषणा भी की थी जिसके चलते  हजारों किसानों ने बड़े पैमाने पर आधारभूत कीमत अनुसार धान खरीदी केंद्रों पर अपने फसलों की बक्रिी की है परंतु  अब तक सर्फि खरीप फसलों के राशि का भुगतान किसानों को मिल सका है बाकी खरीप फसलों का बोनस तथा इस वर्ष के रब्बी फसलों के भुगतान से किसान अब तक वंचित है. 

 सही समय पर फसलों के राशि का भुगतान बैंक खातों में जमा नहीं होने से क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया है इस बीच तहसील के किसान नेता रेखलाल टेंभरे ने जल्द से जल्द सभी किसानों के बैंक खातों में बोनस समेत रब्बी के फसलों भुगतान की राशि बैंक खातों में जमा करने की मांग प्रशासन से की है.