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प्रतीकात्मक तस्वीर

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गोंदिया. शहर के एक शैक्षणिक संस्था में कार्यरत एक शिक्षक द्वारा नाबालिग छात्रा के साथ दुराचार कर शिक्षा के पेशे को कलंकित किए जाने की घटना प्रकाश में आई है. इस संबंध में दुराचारी शिक्षक के खिलाफ रावणवाड़ी पुलिस थाने में मामला दर्ज कर न्यायालय के आदेश पर भंडारा जेल रवाना कर दिया गया है.

गोंदिया तहसील के एक गांव की 16 वर्षिय छात्रा 11वीं में पढ़ाई के लिए प्रतिदिन एक महाविद्यालय में आती थी. 15 अप्रैल को भी वह शालेय यूनिफार्म में महाविद्यालय में आई थी. कुछ देर बाद वह शौचालय में गई. इसी दौरान महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षक कुड़वा निवासी देवचंद बोरकर (56) ने वहां पहुंचकर उसे जबरन महाविद्यालय की प्रयोगशाला में ले जाकर उससे दुराचार किया. उसके बाद उसने अपने परिचित नागपुर निवासी शैलेष तभाने को वहां बुलाया और उस लड़की को वहां से ले जाने को कहा. शैलेष ने पीड़िता को भंडारा ले जाकर एक लॉज में रखा और दूसरे दिन उसे अपने घर जाने को कहा.

पीड़िता बुरी तरह घबरा गई और भंडारा से ही ट्रेन में बैठकर मुंबई चली गई. सीएसटी रेलवे स्टेशन पर 17 अप्रैल को पहुंचने के बाद वह मातोश्री रमाबाई आंबेडकर पुलिस को मिली. मुंबई पुलिस ने इसकी जानकारी रावणवाड़ी पुलिस को दी. जिसके बाद रावणवाड़ी पुलिस पीड़िता के परिजनों के साथ मुंबई पहुंची और उसे वहां से वापस लेकर आई.

वापस आने पर 20 अप्रैल को पीड़िता ने अपने उपर हुए अत्याचार की जानकारी रावणवाड़ी पुलिस को दी. जिस पर थानेदार भुजबल के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक सुनील अंबुरे व पुलिस कर्मी सुबोध बिसेन ने जांच प्रारंभ कर आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है. दुराचारी आरोपी शिक्षक को 24 अप्रैल को न्यायालय में पेश किया गया जहां से कोर्ट के आदेश पर उसे भंडारा जेल रवाना कर दिया गया.