Goregaon, Gondia, Garbage

  • दो महीनों में तीन बार मुख्याधिकारी बदले

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गोरेगांव. विकासात्मक कार्यों के नाम से पहचाने जाने वाला गोरेगांव शहर इन दिनों दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. जहां प्रशासक मात्र नामका बनकर रह गया है. बीते दो महीनों के भीतर तीन बार मुख्याधिकारी बदले है जिसका दुष्परिणाम शहर की व्यवस्थाओं पर दिखाई दे रहा है. इस दौरान अनेक पूर्व पार्षद अपनी दूसरी रेजीम की तैयारी में लगे हुए हैं. लेकिन शहर की दुर्दशा पर किसी का ध्यान केंद्रित नही है.

तीन बार बदले गए मुख्याधिकारी

जानकारी के नुसार  नगर पंचायत में कार्यरत मुख्याधिकारी हर्षला राणे  स्वास्थ के चलते मेडिकल पर होने से मुख्याधिकारी का प्रभार सर्वप्रथम गोरेगांव के नायब तहसीलदार नरेश वेदी को दिया गया लेकिन कुछ दिनों पश्चात यह पदभार  तिरोडा मुख्याधिकारी अर्चना मेंढे को सौंपा गया. लेकिन कुछ ही दिनों में ही यह दोबारा से नरेश वेदी को दे दिया गया. इस प्रकार यहां मुख्याधिकारी की कुर्सी बदलने का दौर चल रहा है.

सार्वजनिक शौचालयों से आ रही बदबू

शहर में स्थित सार्वजनिक शौचालयों में  सफाई व्यवस्था नदारत है जिसमें शहीद जाम्या-तिम्या शाला से लगी हुई एक शौचालय से बदबू चल रही हैं. छात्राओं के साथ ही दुकानदारों को भी बदबू सहनी पड़ रही है. उसी तरह साप्ताहिक बाजार के  शौचालय में भी बुरे हाल है. यहां शौचालय के दरवाजे ही टूट फुट कर नीचे पड़े हैं. बिना कारण पानी वेस्ट बह रहा है लेकिन प्रशासक बेखबर है. 

महीनों से आरो फिल्टर मशीनें बिगड़ी अवस्था में

नगर पंचायत नागरिक व्यवस्था के तहत शासन की लाखों की निधि खर्च कर शहर वासियों को स्वच्छ व ठंडा पानी मिलने के उद्देश्य से १३ आरो फिल्टर मशीनें लगाई गई थी. लेकिन देखभाल जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को दरकिनार करने से यह आरो मशीनें अब भी बिगड़ी अवस्था में महीनों से बंद पड़ी है. टंकीयो की सफाई एक बार भी नहीं की गई है. ऐसी स्थिति में पानी का दूषित होना लाज़मी है. उसी तरह शहर में स्थित अनेक हैंडपंप भी बंद अवस्था में है जिसके दुरुस्ती कार्य के लिए  नगर पंचायत फंड का रोना रो रही है. 

घनकचरा व्यवस्था चरमराई, शहर से घंटा गाड़िया नदारद

नगर पंचायत घनकचरा व्यवस्थापन टेंडर की अवधि समाप्त होने से शहर में और अधिक समस्या निर्माण हो रही है. जिसके चलते शहर में गंदगी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. यहां स्थित कचरा कुंडियां खचाखच भरी पड़ी है. लेकिन इसे ठिकाने लगाने वाला कोई नहीं. दूसरी ओर शहर में खुले में शौच विधि दोबारा शुरू हो गई है जिसे लगाम लगाने वाला कोई नहीं है. जिससे शहर में स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ रही है.