400 workers including officials of Thackeray faction join Shinde faction in Jalgaon
(फोटो- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ट्विटर)

कल रात बुलढाणा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में जलगांव जिले के उद्धव ठाकरे और शरद पवार गुट कई पदाधिकारियों सहित 400 कार्यकर्ता शिंदे समूह में शामिल हुए हैं।

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जलगांव: जलगांव (Jalgaon Politics) में ठाकरे गुट (Thackeray Faction ) को बहुत बड़ा झटका लगा है। जहां महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) में एक तरफ लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। हर पक्ष जीत हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का लगा रहे है वहीं चुनाव से पहले ठाकरे ग्रुप को बड़ा झटका लगा है। दरअसल जलगांव जिले के कई पदाधिकारियों सहित 400 कार्यकर्ता शिंदे समूह में (Thackeray faction 400 workers join Shinde faction ) शामिल हुए हैं।

उध्दव और शरद को बड़ा झटका

मिली जानकारी के मुताबिक, यह पक्ष प्रवेश कल रात बुलढाणा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में हुआ। बता दें कि जलगांव जिले के अमलनेर और चोपड़ा क्षेत्र के पदाधिकारियों ने ठाकरे और शरद पवार समूह को छोड़ दिया है। ऐसे में कल रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शरद पवार समूह और ठाकरे समूह के 400 से अधिक कार्यकर्ता और प्रमुख पदाधिकारी शिंदे समूह में शामिल हुए।

जलगांव में खाली हाथ विरोधी पक्ष

इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी प्रवेश द्वार पर मंत्री गुलाबराव पाटिल, बुलढाणा सांसद प्रतापराव जाधव, पूर्व विधायक चिमणराव पाटिल भी मौजूद थे। करीब 60 से 70 कार्यकर्ता गाड़ियों में बुलढाणा में आये हुए थे। शिंदे गुट में प्रवेश करने का कार्यक्रम बुलढाणा के रेजीडेंसी क्लब में हुआ। इससे जलगांव जिले में ठाकरे समूह और शरद पवार समूह को बड़ा झटका लगा है।

शिंदे का किसानों को आश्वासन

उद्धव ठाकरे और शरद पवार गुट के कार्यकर्ताओं के पक्ष प्रवेश के मौके पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम चुनाव कार्य में कितने भी व्यस्त क्यों न हों, हमें हर दिन सारी जानकारी मिलती रहती है। लंबित कार्यों के लिए मुख्य सचिव, संभागायुक्त, कलेक्टर से जानकारी लेकर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। गौरतलब हो कि एकनाथ शिंदे ने किसानों को आश्वासन दिया है कि हमारी सरकार आम लोगों और किसानों की सरकार है, इसलिए सभी किसानों को मुआवजा मिलेगा। ऐसे में अब यह आश्वासन कितने जल्दी पूरा होता है यह देखना होगा। फ़िलहाल जलंगाव की राजनीति में जो हुआ इससे उद्धव गुट और शरद पवार गुट को बहुत बड़ा झटका लगा है।