तबादले के बाद भी काम कर रहे, 87 अधिकारी और कर्मचारी

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    जलगांव : राजस्व विभाग (Revenue Department) में शीर्ष लिपिकों (Head Clerks), कनिष्ट लिपिकों (Junior Clerks), बोर्ड अधिकारियों के संवर्ग में 87 अधिकारियों (Officers) और कर्मचारियों (Employees) के तबादले (Transfers) की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उसे अगले दिन उस प्रक्रिया को स्थगित भी कर दिया गया। इसलिए अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले के बाद भी वे अपने मूल पदों पर कार्य कर रहे हैं। दो महीने बाद भी इस तबादले की प्रक्रिया पर रोक लगी हुई है। 

    स्थानांतरण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप

    65 शीर्ष राजस्व लिपिकों, 15 बोर्ड अधिकारियों और सात वाहन चालकों का गुरुवार को तबादला कर दिया गया है। इस ट्रांसफर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया जा रहा था। इस के तहत तहसीलदार को आरोपित किया गया है। जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया गया था कि स्थानांतरण प्रक्रिया सूची को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। 

    कलेक्टर कार्यालय में तबादला करते समय, स्थापना शाखा के अधिकारी और कर्मचारी केवल शीर्ष लिपिकों और सर्कल अधिकारियों को तालुका का विकल्प देते हैं और नियुक्ति या पोस्टिंग का स्थान नहीं देते हैं। स्थापना शीर्ष लिपिक, लिपिक, बोर्ड अधिकारी संवर्ग के कर्मचारियों द्वारा कदाचार के माध्यम से नियुक्ति दी जाती है। तबादले की यह प्रक्रिया पूरी तरह गलत है। मांग की गई कि यदि राजस्व के तबादले और नियुक्तियों की प्रक्रिया जिला परिषद की तरह वरिष्ठता के अनुसार की जाती है, तो अधिकारियों और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार करने का अवसर नहीं मिलेगा। इसी के अनुरूप जिला कलेक्टर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले की प्रक्रिया को क्रियान्वित किया। इसके बाद अगले ही दिन इसे स्थगित कर दिया गया है।