दो वर्षों में मात्र 50 फीसदी हुआ ‘अमृत योजना’ का काम

  • जलगांव की तरह भुसावल में भी ठेकेदार की उदासीनता
  • जलकुंभ का काम भी लटका
  • वाहन चालकों की बढ़ीं मुसीबतें

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जलगांव. ‘अमृत’ योजना (Amrit scheme) से निकले जिन्न से केवल जलगांव शहर (Jalgaon city) के नागरिक ही परेशान नहीं हैं, बल्कि भुसावल में भी सड़कों की हालत खराब हो गयी है। भुसावल शहर में भी अमृत योजना (Amrit scheme) का काम शुरू है। सिंचाई विभाग के कुप्रबंधन के कारण जल आपूर्ति के स्रोत को बदलने की नौबत प्रशासन पर आन पड़ी है। इसलिए अब नए स्रोतों द्वारा योजना का काम किया जाएगा। इसके बावजूद पानी सप्लाई (Water supply) योजना का काम धीमी गति से भुसावल शहर (Bhusaval city) में भी किया जा रहा है। शहर में अमृत योजना का कार्य ठेकेदार की उदासीनता के कारण मात्र 50 प्रतिशत ही हुआ है।

मनपा के सामने कार्य पूरा करने की चुनौती

इस योजना के तहत चल रहा काम जलगांव की तरह भुसावल में भी ठंडा पड़ा है। दरअसल, वर्क ऑर्डर अक्टूबर 2017 में जारी किया गया था। वास्तविक काम जनवरी 2018 में शुरू हुआ। दो साल में शुद्ध जलवाहिनी और सप्लाई यंत्रणा का 50 फीसदी काम हुआ है। जलकुंभ का काम भी अभी अधूरा पड़ा है। इससे भुसावल शहर में काम पूरा करने की चुनौती भुसावल नगर पालिका, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (MJP) के साथ संबंधित ठेकेदार के सामने खड़ी दिखाई दे रही है। जलगांव शहर में तीन वर्षों से बहुत धीमी गति से चल रहे अमृत योजना के काम के कारण महानगर के साढ़े 5 लाख से अधिक लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

भुसावल में भी जैन इरिगेशन को ठेका

भुसावल शहर की स्थिति जलगांव से भिन्न नहीं है। भुसावल में भी अमृत योजना के तहत पानी सप्लाई योजना का काम जैन इरिगेशन ने ही लिया है। जिसके चलते यहां की हालत भी जलगांव की तरह है। बड़ी धीमी गति से कार्य किया जा रहा है। जलगांव की तरह भुसावल शहर में भी पिछले दो साल से इस योजना पर काम चल रहा है। कई बाधाओं के कारण योजना धीमी गति से चल रही है।

नए जल स्रोत पर मंथन

तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की मौजूदगी में हुई बैठक में भुसावल योजना में नया स्रोत खोजने के निर्देश दिए गए थे। इसके  अनुसार वाघुर और ताप्ती नदियों के संगम के पास साकेगांव इलाके में नया स्रोत्र खोजा गया। यहां से शेलगांव बैरेज का बैक वॉटर का थमा पानी निकालकर यह नया स्रोत्र शुरू किया जाएगा। भुसावल शहर की स्थिति गंभीर है। इस शहर के लिए जब योजना बनाई गई थी, तब पानी सप्लाई का स्रोत्र यावल रोड स्थित तापी नदी के पुल के नीचे से दिखाया गया था। इस जगह पर डाउन स्ट्रीम पर एक छोटा बांध बनवाकर पानी उठाने को मंजूरी दी गयी थी। इस योजना का काम शुरू होने के बाद बांध बंधारे विभाग ने अचानक जल स्रोत्र ही यांत्रिकी दृष्टि से ठीक नहीं होने का पत्र दिया। इसके चलते अब नया स्रोत खोजा गया है।